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राष्ट्रीय अन्वेषण शासनयंत्रके अधिकारियोंद्वारा मिरज आश्रमके साधकोंकी पूछताछ !

आषाढ अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११४

जिहादी आतंकवादियोंकी नहीं, अपितु राष्ट्र एवं धर्म हेतु कार्य करनेवाले सनातनके साधकोंकी लगातार पूछताछ करनेवाली हिंदुद्वेषी कांग्रेस सरकार एवं उनकी भीगी बिल्ली बना राष्ट्रीय अन्वेषण शासनयंत्र !

मिरज – सोमवार, १८ जूनको दोपहर २.३० बजे राष्ट्रीय अन्वेषण शासनयंत्रके दो अधिकारियोंने सनातन  संस्थाके मिरज आश्रमके साधक श्री. विनायक चव्हाणकी दो घंटेतक पूछताछ की, साथ ही एक साधिकाकी भी पूछताछ की । पूछताछ करनेवाले एक अधिकारीका नाम रामसेतु है । इन अधिकारियोंके साथ स्थानीय गुप्तचर शाखाके दो पुलिस अधिकारी थे । इन अधिकारियोंने बाहरकी ओरसे आश्रमका चित्रीकरण किया एवं श्री. विनायक चव्हाणका भी छायाचित्र निकाला । उनमेंसे एक अधिकारी तमिल भाषामें बात कर रहा था ।

इन अधिकारियोंने श्री. चव्हाणको ‘श्री. मधुसूदन कुलकर्णी कहां हैं ? वे कितने दिनों पश्चात आएंगे ? आश्रममें कितने साधक रहते हैं ?’, आदि प्रश्न पूछकर उनके स्वयंके विषयमें पूरी जानकारी प्राप्त की ।   
तदुपरांत श्री. चव्हाणको मडगांव विस्फोटके विषयमें किसी एक संदेही व्यक्तिको जानते हैं क्या, ऐसा प्रश्न पूछकर उस संदर्भमें भी कुछ प्रश्न पूछे ।

पूछताछ कर बाहर गए ये अधिकारी कुछ समय पश्चात पुनः आश्रममें आए एवं श्री. मधुसूदन कुलकर्णीके नाम एक चेतावनी दी । उस चेतावनीमें यह दर्ज किया गया है ,‘श्री. कुलकर्णी राष्ट्रीय अन्वेषण शासनयंत्र, गोवाके कार्यालयमें आएं एवं चेतावनीमें   प्रविष्ट सूत्रोंके विषयमें अधिक जानकारी प्रदान करें ।’

साधकोंको सूचना

साधको, राष्ट्रीय अन्वेषण शासनयंत्रके अधिकारी पूछताछ हेतु आएं, तो स्थानीय हिंदुत्ववादी अधिवक्ताओंकी सहायता प्राप्त करें !

पूछताछके नामपर मंगलुरु(कर्नाटकके)के साधकोंको अमानवी कष्ट देनेवाले राष्ट्रीय अन्वेषण शासनयंत्रके अधिकारियोंद्वारा साधकोंकी बारबार पूछताछ  करनेकी प्रक्रिया  चालू ही  है । ये अधिकारी पूछताछ हेतु आएं, तो भयभीत न होकर स्थानीय अधिवक्ताओंकी सहायता प्राप्त करें, साथ ही सर्वशक्तिमान ईश्वर हमारे  ऊपर हैं इस  कारण उनपर अटूट श्रद्धा रखकर प्रार्थना एवं नामजपकी ओर अधिकाधिक ध्यान दें ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात        

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