नई दिल्ली : गंगा को गंदा करना पाप होता है, अब तक आपने यह कहावत जरूर सुनी होगी। यह सच हो न हो, लेकिन आने वाले दिनों में गंगा को गंदा करना अपराध जरूर होगा। जी हां, मोदी सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है जिसके तहत गंगा को गंदा करना अपराध की श्रेणी में आएगा।
दरअसल, भले ही पीएम नरेंद्र मोदी एक साल में गंगा को साफ करने का वादा पूरा न कर सके हों, लेकिन उन्होंने अगले चुनाव तक गंगा को काफी हद तक साफ करने का मन बना लिया है।
इस मुश्किल काम को पूरा करने के लिए पिछले हफ्ते कैबिनेट की बैठक में इसकी टाइमलाइन पर बात की गई। इसमें इस बात के भी संकेत मिले कि मार्च २०१९ तक मोदी सरकार गंगा में गंदा पानी छोड़े जाने पर पूरी तरह रोक लगा देगी। इसके अलावा, गंगा के पानी को गंदा करने वालों के लिए एक कानून भी बनाया जाएगा।
इसके लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की ओर से दूसरे मंत्रालयों से भी बातचीत की जा रही है। इसमें शहरी विकास, पर्यावरण और कानून मंत्रालय शामिल हैं। इसका मकसद गंगा को निर्मल और साफ बनाना है।
माना जा रहा है कि अगर सरकार कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ती है तो सबसे पहले कदम नैशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी (NGRBA) को कमिशन बना दिया जाएगा। सरकार यह कदम अपनी योजना को ज्याद से ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए उठाना चाहती है।
बता दें कि मार्च में हुई एक हाई लेवल मीटिंग में भी गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए एक कानून बनाना अहम मुद्दा था। इसमें पीएम मोदी ने कहा था कि गंगा की सफाई के साथ बिना किसी समझौते के काम करने की जरूरत है।
स्त्रोत: नवभारत टाइम्स