मुम्बई – आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने इराक गए अरीब माजिद ने एनआईए से पूछताछ में हैरान कर देने वाले खुलासे किए गए हैं। भारत लौटने की प्रमुख वजह बताते हुए कहा है कि एक वजह तो यह है कि संगठन “गैर इस्लामिक” गतिविधियों में लिप्त है। संगठन में महिलाओं और पुरूषों के साथ “यौन दास” की तरह व्यवहार किया जाता है। उसने यह भी कहा कि संगठन में भारतीयों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है।
यह बयान ८००० पेज की उस चार्जशीट का हिस्सा है जिसे एनआईए ने अरीब और उसके तीन वांछित मित्रों के खिलाफ दायर की है। उल्लेखनीय है कि मुम्बई के कल्याण के रहने वाले चार युवा अरीब मजीद, फहाद शेख, अमान और शहीम पिछले साल मई में आईएस के लिए लड़ने के वास्ते इराक और सीरिया चले गए थे।
अरीब ने अपने बयान में कहा है कि महिलाओं का इस्तेमाल यौन उद्देश्यों के लिए किया जाता है। दूसरी वजह यह कि अरब के लोगों को वास्तविक लडका माना जाता है जबकि भारतीयों को दोयम दर्जे का। इन्हीं सब के चलते मैंने भारत लौटने का निश्चय किया।
स्त्रोत : पत्रिका