मथुरा (उत्तर प्रदेश) – उत्तरप्रदेश में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर गुरुवार सुबह इंडियन एयरफोर्स का फाइटर प्लेन उतार कर रोड रनवे टेस्ट किया गया। वायुसेना का यह पहला टेस्ट सफल रहा। वायुसेना भविष्य में भी इस प्रकार की प्रैक्टिस जारी रखेगी।
रोड रनवे के मामले में हमसे १५ साल आगे है पाकिस्तान
- पाकिस्तान ने २००० में इस्लामाबाद-लाहौर मोटरवे पर एफ-7पी फाइटर, सुपर मुशाक ट्रेनर और सी-१३० फाइटर उतारे थे।
- २०१०में इसी मोटरवे के एक हिस्से को पाकिस्तान ने अपनी एयरफोर्स के लिए पूरी तरह रोड रनवे के रूप में विकसित कर लिया था। तब पाकिस्तान ने यहां मिराज-III और एफ-पी फाइटर प्लेन न सिर्फ उतारे, बल्कि उनकी री-फ्यूलिंग कराते हुए दोबारा टेक-ऑफ भी कराया।
- मोटरवे के ९००० फीट लंबे और १०३ फीट चौड़े हिस्से का इस्तेमाल लैंडिंग के लिए किया गया था।
- पाकिस्तान के पास चार रोड रनवे: पाकिस्तान में दो मुख्य हाईवे हैं। एम-1 मोटरवे पेशावर को इस्लामाबाद से जोड़ता है। वहीं, एम-२ मोटरवे लाहौर को इस्लामाबाद से जोड़ता है। दाेनों मोटरवे पर पाकिस्तान ने दो-दो हिस्से इमरजेंसी रनवे घोषित कर रखे हैं। यानी जंग की स्थिति में पाकिस्तानी एयरफोर्स इन दोनों हाईवे पर कुल ४ इमरजेंसी रनवे का इस्तेमाल कर सकती है।
१९७१ में आगरा तक आ गया था पाकिस्तानी प्लेन, तभी से महसूस की जा रही है जरूरत
बीबीसी की १९७१ की रिपोर्ट के मुताबिक, तब बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी एयरफोर्स के कुछ विमान आगरा तक आ गए थे। हालांकि, वे बम बरसाने में नाकाम रहे थे और इंडियन एयरफोर्स ने उन्हें खदेड़ दिया था। लेकिन तभी से यह माना जाता रहा है कि आगरा के एयरबेस के पास ही में विमान उतारने के लिए एक और विकल्प होना चाहिए।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर