राष्ट्रप्रेमियो, इस गलती के लिए जयललिता और उन्हें गलती करने से न रोकनेवालों को दंड मिले, इसका आग्रह करो । यदि कोई सामान्य व्यक्ति इस प्रकार राष्ट्रगीत का अनादर करता, तो उसे दंड मिलता । जयललिता को यदि मुहूर्त में ही शपथ लेनी थी, उन्होंने पहलेसे ही ऐसा नियोजन क्यों नहीं किया गया ? – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
नई दिल्ली : एआईएडीएमके सुप्रीमो जे. जयललिता को शनिवार को हरे रंग के ‘टोटके’ के बीच शुभ मुहूर्त में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए राष्ट्रगान का अपमान किया गया। दरअसल जयललिता के शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रगान को बीच में ही रोक दिया गया और फिर बाकी राष्ट्रगान जयललिता की शपथ के बाद पूरा किया गया। इसके पीछे वजह यह थी कि जयललिता शुभ मुहूर्त पर शपथ लेना चाहती थीं और राष्ट्रगान की वजह से मुहूर्त में देरी हो रही थी।
इस दौरान उन्होंने हरे रंग के पैन, हरे रंग के गुलदस्ते का भी इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं उनके आसपास का माहौल भी हरे रंग का था। दरअसल, शपथ-ग्रहण समारोह में मंच की सज्जा हरे रंग से की गई थी। जयललिता ने गहरे हरे रंग की साड़ी के साथ हरे रंग की रत्न वाली अंगूठी भी पहन रखी थी। यहां तक कि शपथ लेने के बाद उन्होंने हस्ताक्षर भी हरे रंग की कलम से किया।
आपको बता दें कि एआईएडीएमके की प्रमुख जे. जयललिता आज पांचवी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आठ महीने बाद जयललिता मुख्यमंत्री बनी हैं। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सुपरस्टार रजनीकांत सहित कई हस्तियां पहुंची थीं। जयललिता के अलावा 28 और मंत्री भी पद और गोपनियता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह मद्रास यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में हुआ। जयललिता ने करीब 8 महीने बाद वापसी की हैं। इससे पहले एआईएडीएमके विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया, जिसके बाद जयललिता ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
स्त्रोत : पंजाब केसरी