माघ कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओं ! यह ध्यानमें रखें कि केवल शिवसेना ही भारत तथा परदेशके हिंदुओंके लिए आवाज उठाती है !
मुंबई – २१ जनवरीके `दैनिक सामना’के संपादकीयमें शिवसेना दलप्रमुख श्री. उद्धव ठाकरेद्वारा यह आवाहन किया गया है कि बांग्लादेशमें ५ जनवरीके चुनावके पश्चात गत १५ दिनोंसे पूरे ३२ जनपदोंमें धर्मांधोंने हिंदुओंपर आक्रमण किया । धर्मांधोंने १५ दिनोंमें हिदुओंके ४८५ घरोंको उद्ध्वस्त किए । ५७८ दुकानोंको लूटकर उन्हें पूरी तरहसे बरबाद किया । १५२ मंदिरोंकी तोडफोड कर देवीदेवताओंकी प्रतिमाका अनादर किया । बांग्लादेशके हिंदुओंपर प्रतिदिन भयंकर आक्रमण हो रहे हैं । किंतु उस समय १०० करोड हिंदुवाला भारत देश चुप रहा । भारतका शासन बांग्लादेशी हिंदुओंके लिए क्या कर रहा है ! देशभरके हिंदु धर्मियोंको कांग्रेस नेताओंसे यह प्रश्न पूछना ही चाहिए ।
श्री. ठाकरेने संपादकीयमें इस प्रकार आलोचना की है….
१. चुनावमें बांग्लादेशके हिंदु धर्मियोंने शेख हसीनाके दलको एकगुट मतदान किया, किंतु धर्मांधोंको इस बातका क्रोध है ।
२. बांग्लादेशकी लोकसंख्या लगभग १६ करोड है । वहांके हिंदुओंकी लोकसंख्या न्यूनतम १० प्रतिशत अर्थात लगभग डेढ करोड है । अतः ९० प्रतिशत धर्मांधोंके देशमें १० प्रतिशत हिंदुओंको उन्हें अपेक्षित सत्तामें लाना असंभव है । ऐसा होते हुए भी वहांके हिंदुओंपर आक्रमण क्यों हो रहे हैं ! हिंदुओंके मंदिरोंको नष्ट क्यों किया जा रहा है ! भारतको बांग्लादेशके राजनेताओंसे यह प्रश्न पूछना ही चाहिए ।
३. वहांके धर्मांध इस बातसे क्रोधित हैं कि हसीना शासनको हिंदुओंने मतदान किया । किंतु वही हसीना शासन भी अपने मतदाता हिंदुओंकी सुरक्षा हेतु क्या प्रयास कर रहा है !
४. हिंदुओंका भाग्य ही फूटा हुआ है । यहां भारतमें बहुसंख्यक होते हुए भी हिंदु ही मार खाते हैं । वहां पाकिस्तान-बांग्लादेशमें तो हिंदु अल्पसंख्यक ही हैं ।
५. हमारे यहां हिंदु बहुसंख्यक हैं, इसलिए हिंदुओंके साथ प्यार नहीं तथा वहां भी अल्पसंख्यक हैं, इसलिए हिंदुओंको मरण यातना भुगतनी पडती है ।
६. एक तरहसे यह हिंदुओंके घरोंका सर्वनाश कर उन्हें देशके बाहर भगानेका ही प्रयास है ।
७. पाकिस्तानमें हिंदु नष्ट हो ही रहे हैं, अब बांग्लादेशमें भी क्या हिंदुओंको इस प्रकार ही मरने देंगे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात