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गायको काटनेवाला हमारा बंधु कैसे हो सकता है ? – मनोज खाडये

माघ कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५

प.पू. तात्यासाहेब कोटनीस महाराजका ९० वां पुण्यतिथि समारोह !


 सांगली(महाराष्ट्र) – २० जनवरीको  प.पू. तात्यासाहेब कोटनीस महाराजकी ९० वें पुण्यतिथि उत्सवके निमित्त आयोजित ‘हिंदु राष्ट्रकी आवश्यकता’ विषयपर मार्गदर्शन करते समय हिंदू जनजागृति समितिके पश्चिम महाराष्ट्र समन्वयक श्री. मनोज खाडयेने स्पष्ट रूपसे प्रश्न उपस्थित करते हुए कहा कि प्रतिदिन नए-नए पशुवधगृहोंका निर्माण कार्य हो रहा है । जो लोग भूमाता, स्वमाता एवं गोमाताका वंदन करते हैं, उन्हें हम हमारे अपने मानते हैं । निरपेक्षतावादी राजनेता हिंदू-मुसलमान भाई-भाई ऐसी भ्रामक कल्पनाओंको हमारे गले उतारनेका प्रयास कर रहे हैं; परंतु हमारी मातासमान गायको जो काटता है, वह हमारा बंधु कैसे हो सकता है ? आरंभमें प.पू. गुरुनाथ कोटनीस महाराजद्वारा श्री. खाडयेका सम्मान किया गया । 

श्री. खाडयेने स्वतंत्राप्राप्तिके पश्चात हुई देशकी दुरावस्थाके संदर्भमें जानकारी देकर कहा कि कांग्रेसी राजनेताओंके कारण ही देशकी पहचान भ्रष्टाचारी एवं बलात्कारीके रूपमें हो गई है । हिंदु धर्मपर होनेवाले विविध आघातोंकी जानकारी देकर उन्होंने आवाहन किया कि राजनेताओंको झुकाने हेतु हिंदुओंको दबावगुट स्थापित करना चाहिए । धर्मशिक्षाके अभावके कारण हिंदुओंमें धर्माभिमान नहीं है । 

इसके लिए प्रत्येकको धर्मशिक्षा लेकर प्रतिदिन न्यूनतम एक घंटा धर्मके लिए देना अपेक्षित है । उत्सवमें होनेवाली अनुचित घटानाएं टालकर ‘हिंदु राष्ट्र’ की स्थापना करने हेतु कार्यरत हिंदू जनजागृति समितिके कार्यमें यशाशक्ति साम्मिलित होना चाहिए । 

क्षणिका : 

मार्गदर्शन सुननेपर अनेक लोगोंद्वारा श्री. खाडयेके  मार्गदर्शनकी दृक्श्राव्यचक्रिकाकी मांग की गई ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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