माघ कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
फलटनका अहिंसा कार्यक्रम
फलटन (जनपद सातारा) : प.पू. आचार्य श्री १०८ सुनील सागर महाराजने यह प्रतिपादन किया कि हम संगठित होकर ही सर्वत्रके पशुवधगृह बंद करनेके लिए शासनको बाध्य कर सकते हैं । गोहत्या नहीं हो, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए । गृहस्थाश्रम हेतु गोहत्याका विरोध करना, पूरे पाश्चात्त्यीकरणका विरोध करना, लव जिहादका विरोध करना, हिंसा करनेवालोंसे समाज, राष्ट्र एवं धर्मकी रक्षा करना, ये सभी बातें अर्थात जैन विचारोंके अनुसार स्वीकृत अहिंसा ही हैं । फलटनमें २० जनवरीको सर्व धर्मके संतोंके अहिंसा कार्यक्रममें वे ऐसा कह रहे थे । इस कार्यक्रमका आयोजन नगरसेवक श्री. अनूप शहाने किया । कार्यक्रमके अंतमें सनातनके साधकोंका सम्मान किया गया ।
यदि ५ वर्षतक हिंदु संगठित रहेंगे, तो कहीं भी हिंसा नहीं होगी ! – श्री. गजानन केसकर
सनातन संस्थाके श्री. गजानन केसकरने बताया कि वर्तमानमें अधिकृत एवं अनधिकृत ऐसे कुल मिलाकर ६६ सहस्र पशुवधगृह हैं । वर्ष १९४७ में भारतमें ९० करोड गोवंश था; किंतु अब २.५ करोड गोवंश शेष है । अतएव गोवशंकी हत्या रोकनी ही चाहिए । भगवान श्रीकृष्णके कथनानुसार यदि गोमाता, स्त्री, मंदिरोंकी आपत्तिके समय स्वधर्मकी रक्षाके कारण हिंसा की गई, तो वह अहिंसा ही है । छत्रपति शिवाजी महाराजने अफजलखानकी हत्या की, वह हिंसा न होकर (वह भी) अहिंसा ही है । यदि ५ वर्षतक हिंदू संगठित रहेंगे, तो एक भी गोहत्या नहीं होगी, एक भी पशुवधगृहका निर्माण कार्र्य नहीं होगा तथा एक भी बहन लव जिहादकी बलिवेदीपर नहीं चढेगी ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात