जयपुर (राजस्थान) – सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सभी निजी और सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य किए जाने के बाद यह मुद्दा सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित होता जा रहा हैं। मुस्लिम संगठनों के विरोध के बीच कोर्ट ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों के लिए शिक्षण संस्थानों को बाध्य नहीं किया जा सकता। सोमवार को इस मामलें में हुई अहम सुनवाई में कोर्ट ने यह बात कही।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार,योग व राष्ट्रगीत को अनिवार्य करने को चुनौती देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए महाधिवक्ता को २८ मई को तलब किया हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार के लिए यह मुद्दा मूंछ का बाल साबित हो नज़र आ रहा हैं। अगर सरकार सूर्य नमस्कार लागू करने के आदेश से पीछे हटती है तो इससे सरकार की काफी किरकिरी होगी। इसलिए सरकार अपने निर्णय को सही साबित करने के लिए लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ सकती हैं।
राज्य सरकार का आदेश
सूर्यनमस्कार को लेकर राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल प्रतिदिन २० मिनट तक बाल सभा का आयोजन करेंगे। इस २० मिनट के दौरान सूर्य नमस्कार, चिंतन और अखबार पाठ जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। यह आदेश प्रदेश की सभी सरकारी व निजी ४८,००० स्कूलों में लागू कर दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार को जो कि सूर्य नमस्कार को लागू करने वाला पहला राज्य है, ने भी इसी तरह के निर्देश स्कूलों को दिए थे ।
स्रोत :आई टी एन एन