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यदि हिंदुओंके मूलपर आए, तो आपको (कांग्रेसको) तोड-फोडकर फेंक देंगे ! – श्री. उद्धव ठाकरे, शिवसेना पक्ष

माघ कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११५

हिंदुओ, ध्यानमें लें कि भाजपा एवं नरेंद्र मोदी नहीं, अपितु शिवसेना ही सार्वजनिक सभामें हिंदु एवं हिंदुत्वके सूत्र प्रस्तुत करती है !

  • हां, यदि स्वयंको हिंदु समझना अपराध है, तो हमें उसका गर्व है !

  • हिंदुओंके मूलपर आनेवाले कानूनोंका तीव्र विरोध करेंगे !

  • शिवसेना कभी हिंदुत्वकी साथ नहीं छोडेगी !

  • लोकसभाके साथ विधानसभाके चुनावमें भी कांग्रेसको (धोबीपछाड देंगे) विफल करेंगे !

  • केवल निर्दोष  धर्मांधों को नहीं, अपितु निर्दोष हिंदुओंको भी  मुक्त करें !

  •  शिवबंधनकेद्वारा शिवसैनिक सभी माता-बहनोंकी रक्षा करेंगे !

  • महाराष्ट्रमें कांग्रेसको सत्तासे हटाने एवं पुनःशिवशाही लानेहेतु  शिवसैनिकोंद्वारा शपथ


मुंबई – यहां २३ जनवरीको हिंदुहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरेकी जयंतीनिमित्त मुंबईके सौमय्या मैदानमें आयोजित प्रतिज्ञादिनके समारोहमें बोलते हुए शिवसेना पक्षप्रमुख श्री. उद्धव ठाकरेने सरकारको कठोर शब्दोंमें चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्रीय कृषीमंत्री कहते हैं कि यदि धर्मांध आतंकवादी हुए, तो उन्हें दोष नहीं दे सकेंगे एवं देशके गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे कहते हैं कि धर्मांधों को बंदी बनानेसे पूर्र्व १०० बार विचार करें एवं यदि  निर्दोष हैं, तो उन्हें छोड दें ! तो वे ऐसा क्यों नहीं कहते कि निर्दोष कोई भी हो तो उसे छोड देंगे । हमें जात्यंध कहनेवाले कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेसवाले ही खरे जात्यंध एवं धर्मांध हैं । मतके लिए लाचार होकर कांग्रेसियोंने प्रत्येक जाति एवं धर्ममें अंतर करनेका कार्य किया है । सर्व धर्मियोंका विश्वासघात किया है । यदि हिंदुओंके मूलपर आप (कांग्रेसवाले)  आते हैं तो आपको तोड-मरोडकर फेंक देंगे  । इस समारोहमें लाखों शिवसैनिकोंने भीड की थी ।

इस अवसरपर श्री. ठाकरेके शुभहाथों वरिष्ठ शिवसैनिकोंको शिवबंधन बांधा गया एवं अन्य सभी शिवसैनिकोंने शिवबंध बांधकर शिवसेनाको सत्तामें लानेकी शपथ ली । इस अवसरपर व्यासपीठपर मुंबईके महापौर एवं शिवसेनाके सभी नेता उपस्थित थे ।

श्री. उद्धव ठाकरेद्वारा प्रस्तुत सूत्र (धर्मके विषयमें सूत्र)

१. हिंदुओंके शंकराचार्यजीको ९ वर्षपूर्व झूठे आरोप लगाकर नियंत्रणमें लिया गया एवं कारागृहमें बंदी बनाया गया । उन्हें प्रताडित किया गया । परंतु हम हिंदुओंको कुछ नहीं लगा । हम मौन ही रहे । अब वे निर्दोष मुक्त हो गए हैं । हमारे शंकराचार्यजीको बंदी बनाते हो । अरे, क्या अन्य धर्मियोंके धर्मगुरुओंको हाथ लगानेका आपमें  (कांग्रेसियोंमें) साहस है ? उनको हाथ लगानेके लिए किसीके मांने जन्म नहीं दिया । यदि उनके धर्मके संदर्भमें ऐसा किया होता, तो उन्होंने पूरे देशको आग लगा दी होती ।

२. हमने स्वयंको हिंदु कहा, तो त्वरित ये कांग्रेसी हमपर अपराध प्रविष्ट करते हैं । हमें जात्यंध कहते हैं, धर्मांध कहते हैं । सच्चे धर्मांध तो हम नहीं, अपितु कांग्रेसी ही हैं ।

३. मैं सभी धर्मांध, ईसाई, सिक्ख एवं सभी धर्मियोंको  आवाहन करता हूं कि जबसे देश स्वतंत्र हुआ, तबसे कांग्रेसियोंने हमपर तोडो-फोडो एवं राज्य करो इस नीतिका उपयोग कर पूरे देशका सत्यानाश किया है । स्वतंत्रतासैनिकोंद्वारा अपना बलीदान देकर प्राप्त की गई स्वतंत्रताको कांग्रेसियोंने सर्वत्र भ्रष्टाचार कर नष्ट कर सडा दिया है । कांग्रेसियोंने घरानाशाही चलाई है । प्रथम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं उसके पश्चात और एक  गांधी ही होगा ।

४. शिवबंधनके माध्यमसे शिवसैनिकोंने राज्यके सभी माता-बहनोंकी रक्षाका उत्तरदायित्व लिया है । यह शिवबंधन केवल सत्ताके उपभोगके लिए नहीं, अपितु राज्यकी जनताके लिए इस सत्ताका उपयोग किया जाएगा ।

राजनीतिक सूत्र

१. शरद पवार कहते हैं कि देशमें सुदृढ सरकार चाहिए । तो आप केंद्रमें क्या कर रहे हो ? सत्तासे हट जाएं; परंतु राष्ट्रवादी कांग्रेस सत्तासे हटी, तो कांग्रेसी उन्हें घोटालोंकी जांचमें फंसाकर कारागृहमें भेजेंगे; इसलिए केवल संयुक्त सरकारको तोडनेकी धमकी देकर और एक-दो अधिक सीटोंका लाभ करा लेना ही कांग्रेसकी नीति है ।

२. मनमोहन सिंह देशके दुर्बल प्रधानमंत्री हैं, जिनका कांग्रेसमें कोई मूल्य नहीं है ।

३. कांग्रेसकी कालावधिके केंद्रीयमंत्री ए. राजा कहते हैं, राजगुरुपर डाक टिकट नहीं निकाल सकते; परंतु यही कांग्रेसी अभिनेत्री वहिदा रेहमान एवं शंकरराव चौहान पर डाक टिकट निकालते हैं ।

४. पृथ्वीराज चौहाणका कामकाज तो ऐसा है कि आपरेशन सफल, परंतु रोगी खलास । यदि आप निर्मल हैं तो आपके आनेसे पूर्व इन्होंने (कांग्रेसियोंने) इतनी गंदगी भर दी है कि एक बात छिपाए तो दूसरी बात सामने आती है । इसमें ही उनका समय नष्ट हो रहा है ।

५. आदर्श घोटालेकी जांचको पांच वर्ष पूरे हो गए, तो भी अपराधियोंपर कार्यवाही नहीं होती । केवल जांचका नाटक किया गया । अशोक चौहानसे लेकर सभी मंत्रियोंको निर्दोष मुक्त किया गया है जबकि सभी अधिकारियोंको इसमें  फंसाया है । पांच करोड रुपए व्यर्थ व्यय किए गए ।

६. कांग्रेसियोंके लिए लोकसभाके चुनावसे पूर्व प्रधानमंत्रीका उम्मीदवार घोषित करता संभव नहीं हुआ । उन्हें अभी ही उनकी मौत दिखाई दे रही है । मेरा कहना है कि लोकसभाके साथ अब विधानसभाके भी चुनाव लडनेका साहस दिखाएं । आपका दोनो ही चुनावमें पराजय किए बिना नहीं रहेंगे । छिपकलीकी टूटी हुई पूछके समान वलवल करनेका अवसर भी आपको नहीं मिलेगा ।

७. कांग्रेसी खानेमें (भ्रष्टाचार करनेमें) इतने आगे गए हैं कि वे बांध एवं रास्ते पूरे के पूरे खा जाते हैं एवं बिना डकारके पचा लेते हैं ।

शिवसेनाप्रमुखद्वारा इससे पूर्व दी गई शपथ पुनः दी गई !

कैलासवासी शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरेने शिवसैनिकोंको इससे पूर्र्व शपथ दिलाई थी । इस समय उस शपथकी श्राव्यचक्रिका (ध्वनिमुद्रण) पुनः सुनाकर शिवसैनिकोंको वही शपथ दिलवाई गई। मेरी कुलदेवता एवं छत्रपति शिवाजी महाराजका स्मरण कर शपथ लेता हूं कि जीवनभर शिवसेनाके प्रति प्रामाणिक रहूंगा । एक निष्ठावान शिवसैनिकके रूपमें शिवसेनासे कभी गद्दारी एवं बेईमानी नहीं करूंगा । शिवसेनाप्रमुखका आदेश मैं एक कटु निष्ठाके साथ पालन करूंगा । साथ ही आगामी चुनावमें शिवसेनाका भगवा फहरानेका सपना निष्ठा एवं शपथके साथ पूरा करूंगा ।

श्री. उद्धव ठाकरेने शिवबंधन बांधे शिवसैनिकोंको दिलवाई शपथके कुछ वाक्य..

‘’बालासाहेबका सपना साकार करने हेतु एवं महाराष्ट्र तथा मराठी लोगोंकी प्रतिष्ठा संजोए रखनेकी शपथ करता हूं । शिवाजी राजाके भगवेकी शान रखूंगा, प्रज्वलित अंगारेके समान जीवन बिताऊंगा, कभी हिंदुत्वकी गांठ / साथ नहीं छोडूंगा…. भारतमाताके सौभाग्यकी रक्षाके लिए प्रयास करूंगा । देशपर हरा संकट नहीं आने दूंगा….. महाराष्ट्र कांग्रेसके सत्ताधुंद लोगोंको सत्ताच्युत कर शिवशाहीका राज्य स्थापित करेंगे…’’

क्षणिकाएं

शिवसेनाके शपथ समारोहमें सनातन संस्थाद्वारा ग्रंथ एवं सात्त्विक उत्पादोंकी प्रदर्शनी लगाई गई थी ।
माता-बहनोंपर संकट आनेपर उन्हें शिवसैनिकोंकी सहायता मिले; इस हेतु अंड्रॉईड प्रणालीके दूरभाषमें चलनेवाली ‘एस् फॉर यू’ संगणकीय प्रणालीका (अप्लीकेशनका) लोकार्पण किया गया । इससे माता-बहनें संकटके समय अपने दूरभाषसे लघुसंदेश भेजकर शिवसैनिकोंकी सहायता ले सकती हैं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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