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समझौता एक्सप्रेस मामले में स्वामी असीमानंद के खिलाफ आरोप तय

माघ कृष्ण पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११५


पंचकूला (हरियाणा) – समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट मामले में सात साल बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] की विशेष अदालत ने शुक्रवार को स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेंद्र पहलवान व कमल चौहान के खिलाफ आरोप तय कर दिए। अब एनआइए कोर्ट में इनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई होगी।

१८ फरवरी, २००७ को दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत के नजदीक बम विस्फोट के कारण बोगियों में आग लग गई थी। ट्रेन में सवार ६८ लोगों की मौत हो गई और १२ यात्री घायल हो गए थे। मृतकों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। रेलवे पुलिस और हरियाणा पुलिस के विशेष जांच दल की प्रारंभिक जांच के बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला एनआइए को सौंप दिया गया था।

एनआइए ने स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेंद्र पहलवान, कमल चौहान को आरोपी बनाया था। राजेंद्र पहलवान, लोकेश शर्मा और कमल चौहान पर ट्रेन में बम लगाने का आरोप है, जबकि असीमानंद पर इनकी मदद करने का आरोप है। ३० दिसंबर २०१० को एनआइए ने दावा किया था कि उसके पास स्वामी असीमानंद के इस मामले के मास्टर माइंड होने के पुख्ता सुबूत हैं। एजेंसी ने दावा किया था कि विस्फोटकों के उपकरणों का निर्माण करने के लिए एक इंजीनियर संदीप डांगे और बिजली मिस्त्री रामजी कलेसंगरा ने सहयोग किया था।

एनआइए ने वर्ष २०११ को पहला और ९ अगस्त २०१२ को दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया था। दूसरी तरफ, असीमानंद ने सारे आरोपों को निराधार बताया था। उसे और उसके साथियों को साजिश के तहत फंसाया गया था।

स्त्रोत : जागरण

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