अहमदाबाद : साबरमती जेल में बंद एक हिन्दू कैदी ने जेल अधीक्षक को लिखे एक पत्र में लिखा है, ‘मुझे २२ मई को मुस्लिम बहुल कैदियों की बैरक में शिफ्ट कर दिया गया और वहां वे मेरा उत्पीड़न कर रहे है, इसलिए मैं इन सबसे आजिज आकर अपना धर्म परिवर्तन करवाना चाहता हूं।’ उसने लिखा है कि वह ऐसे १० और हिन्दू कैदियों के धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगने वाले कैदियों की फाइल बनाएगा।
वहीं, जेल प्रशासन का कहना है कि जिग्नेश की मांग अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश भर है।
जिग्नेश का आरोप है कि इस बैरक में मुस्लिम कैदियों के साथ रखकर उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। उसने कहा कि वर्तमान में जिस बैरक में उसे रखा गया है वह एक तरह का पनिशमेंट रूम है जहां पर हिन्दू कैदियों को मुस्लिम के साथ रख कर उन्हें टॉर्चर किया जाता है।
जेल विभाग के प्रमुख ने बताया, ‘हमने इस मामले की जांच के लिए आदेश दे दिए हैं। इसके बाद पता चलेगा कि आरोप सही है या आरोपी बस जेल प्रशासन के लिए मुसीबत खड़ा करना चाह रहा है।’
जेल अधीक्षक आरएस भोगरा ने कहा, ‘जिग्नेश बहुत ही शातिर दिमाग का है और खतरनाक अपराधी है। उसे प्रताड़ित करने के लिए इस बैरक में नहीं शिफ्ट किया गया बल्कि वहां एक कैदी की जगह खाली थी इसलिए हमने उसे वहां भेजा था।’
समाचार पत्र के अनुसार नए बैरक में शिफ्ट होने के बाद जिग्नेश के साथ पर गाली-गलौज की गई और उसकी धार्मिक आस्था पर भी सवालिया निशान लगाए गए। जिग्नेश ने इसकी शिकायत जब जेल अधिकारियों से की तो उसे कोई राहत नहीं मिली। इसके उलट जिग्नेश को कथिततौर पर कहा गया कि उसे यह सब भुगतना होगा।