ढाका – २७ मई को बांग्ला देश के सर्वोच्च न्यायालय ने बांग्ला देश शासन एवं पुलिस प्रशासन को यहां के ‘बांग्ला देश माइनॉरिटी वॉच’ के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन के अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र घोष को अधिवक्ता के रूप में न्यायालय में अपना कर्तव्य निभाने हेतु पूरी सुरक्षापूर्ति देने के आदेश दिए हैं । रवींद्र घोष बांग्लादेश के हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाते हैं ।
२५ नवंबर २०१३ को अधिवक्ता रवींद्र घोष के गोपालगंज के न्यायालय में जाने पर हिन्दुओं का पक्ष रखने हेतु न्यायाधीश के समक्ष उन पर न्यायालय के अन्य अधिवक्ताओं ने आक्रमण किया था । इसके विरुद्ध अधिवक्ता रवींद्र घोष ने पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया । इस पर पुलिस ने दुर्लक्ष कर कोई कार्यवाही नहीं की । (बांग्लादेश में एक हिन्दू अधिवक्ता के साथ यदि ऐसा आचरण किया जाता है, तो वहां के साधारण हिन्दुओं के कष्टों का विचार भी न करें तो अच्छा । इस स्थिति को परिवर्तित करने एवं पूरे विश्व के हिन्दुओं की रक्षा करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करें ।-संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
अधिवक्ता घोष ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैधानिक मंडल से न्याय मांगा । मंडल ने बांग्लादेश शासन को अधिवक्ता घोष पर आक्रमण करनेवाले अपराधियों पर कार्यवाही करने के आदेश दिए; परंतु उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई । अंततः अधिवक्ता घोष ने बांग्ला देश के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया । इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने वहां के गृहमंत्रालय, गोपालगंज के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस थाने के प्रभारी को अधिवक्ता घोष को सुरक्षा देने के आदेश दिए । इसके अतिरिक्त ‘गोपालगंज बार एसोसिएशन’ को भी अधिवक्ता घोष को सुरक्षा देने के आदेश दिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात