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केजरीवाल के धरने पर दिल्ली और केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, ६ हफ्ते में मांगा जवाब

माघ कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११५


 नई दिल्ली – रेल भवन के सामने दिए गए धरने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों से जवाब मांगा है । सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजकर पूछा है कि संवैधानिक पद पर बैठा शख्स कानून तोड़कर धरना कैसे दे सकता है ।

जवाब देने के लिए केजरीवाल को ६ हफ्ते का समय दिया गया है । शीर्ष कोर्ट केजरीवाल के धरने के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था । हालांकि कोर्ट ने याचिका में उठाए गए अपराध के सवाल पर दखल देने से इनकार कर दिया । जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली बेंच ने संवैधानिक पद पर बैठे शख्स की ओर से कानून की अनदेखी कर धरना करने को गंभीरता से लिया ।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में मंत्रियों और 'आप' विधायकों ने रेल भवन के सामने धरना किया था । इस धरने में धारा १४४ समेत कई कानूनों की अनदेखी की गई । वकील एमएल शर्मा ने इसके खिलाफ शीर्ष कोर्ट में याचिका दाखिल की । इस याचिका में उन्होंने दलील दी थी कि कानून बनाने वाले कानून कैसे तोड़ सकते हैं ? उन्होंने याचिका में लिखा कि प्रदर्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं, उनका पालन भी केजरीवाल के धरने में नहीं किया गया ।

कोर्ट याचिका में उठाए गए इस सवाल पर विचार करने को तैयार हो गया कि संविधान-सम्मत काम करने की शपथ लेने वाले कैबिनेट मंत्री, कानून तोड़कर कैसे प्रदर्शन कर सकते हैं । ऐसी ही एक याचिका वकील एन राजारमन ने भी दाखिल की थी, लेकिन चूंकि उसमें भी यही दलीलें थीं । इसलिए कोर्ट ने उस पर विचार नहीं किया ।

स्त्रोत : आज तक

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