दंगा होने के पश्चात मुस्लिम नेता अपने समुदाय से मिलने दौडके आता है, कितने हिन्दू नेता अपने समुदाय के मदत के लिए हाथ बढाते है ? – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
बल्लभगढ़ (हरियाणा) : दिल्ली के करीब बल्लभगढ़ के अटाली गांव में २५ मई को हुए दंगे के मामले में सोमवार को दो पंचायतें बुलाई गईं। ये पंचायतें मुस्लिम और जाट समुदाय द्वारा बुलाई गई थीं। बल्लभगढ़ शहर में मुस्लिमों की पंचायत में मांग की गई कि दंगे के आरोपियों की गिरफ्तारी हो और गांव में मंदिर के करीब मस्जिद बनाने की मंजूरी दी जाए। वहीं, अटाली गांव में हुई जाटों की पंचायत में मुसलमानों के लिए प्रस्ताव दिया गया कि उन्हें गांव के बाहर मस्जिद बनाने दिया जाएगा और इसका खर्च भी जाट समुदाय उठाएगा। दोनों पंचायतों ने एक दूसरे के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उधर, दंगों के सात दिन बाद सोमवार को पीड़ित पक्ष का हालचाल जानने के लिए एमआईएम पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पहुंचे। उन्होंने बल्लभगढ़ दंगों पर कहा कि धार्मिक स्थल उसी जगह बनेगा, जहां पहले बनने जा रहा था।
पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग
ओवैसी ने कहा कि सरकार को पहले आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए और पीड़ितों को मुआवजा देना चाहिए। ओवैसी ने दिल्ली से पीड़ित पक्ष के लिए वकील भेजने का आश्वासन भी दिया। ओवैसी के आने से एक बार फिर मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब पीड़ित पक्ष एकबार फिर से धार्मिक स्थल को उसी जगह बनाए जाने की मांग करने लगे हैं। ओवैसी सुबह करीब १०.४० बजे पहुंचे और आधा घंटा वहां रहे। इस बीच उन्होंने पीड़ित पक्ष से बातचीत की और पुलिस से भी मामले की जानकारी ली।
मोदी पर साधा निशाना
ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सबका साथ सबका विकास की बात करते है, पर यहां तो हमारा विनाश हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली से मात्र ५०किलोमीटर दूर धार्मिक स्थल को लेकर हुए विवाद बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। शरारती तत्वों ने घरों को जलाकर पीड़ितों के साथ मारपीट की और उन्हें गांव से भगा दिया। ओवैसी ने कहा कि इतने दिन से पीड़ित परिवार थाने में पड़े हैं पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।
स्रोत : भास्कर