माघ कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११५
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बरेली (उत्तर प्रदेश) : चुनावी साल में सपा सरकार अल्पसंख्यकों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गई है। इंदिरा आवास योजना भले ही केंद्र की हो मगर प्रदेश की सपा सरकार ने इसमें भी अल्पसंख्यक कोटा बढ़ाकर चुनावी दांव खेल दिया।
इसके लिए अनुसूचित जाति के ६२ फीसदी कोटे पर कैंची चला दी गई। मंडल के तीन जिलों में ६० फीसदी आवास अल्पसंख्यकों को बांट दिए गए हैं। जबकि नियम के मुताबिक १५ फीसदी आवास ही इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
बरेली में ७८ फीसदी आवास अल्पसंख्यकों के नाम कर दिए गए हैं। वहीं पीलीभीत में यह आंकड़ा ७७ फीसदी है। कहने का मतलब लगभग सिर्फ २३ फीसदी आवास में अनुसूचित जाति वर्ग, ओबीसी और सामान्य वर्ग को लिया गया है।
आवास वितरण में तय कोटा तोड़ा
योजना की गाइड लाइन कहती है कि कुल लक्ष्य के ६० फीसदी आवास अनुसूचित वर्ग को और १५ फीसदी आवास अल्पसंख्यकों को दिए जाएं। मंडल के बरेली, शाहजहांपुर और पीलीभीत जिले के आंकड़े देखें तो निर्धारित कोटे को तोड़ते हुए ६० फीसदी आवास अल्पसंख्यकों को बांट दिए गए हैं।
सूत्र बताते हैं कि जिन जिलों में मुस्लिम आबादी ज्यादा है वहां पर शासन ने कुछ इसी तरह का खेल खेला है। प्रदेश के दो दर्जन जिलों में कोटे का ख्याल ही नहीं रखा गया। मंडल के बदायूं में पिछले साल ही बीपीएल सूची में शामिल अधिकांश अल्पसंख्यकों को ज्यादा संख्या में आवास बांट दिए गए थे।
लिहाजा इस बार यहां मंडल के अन्य तीनों जिलों से थोड़ा कम अल्पसंख्यकों को लाभ दिया गया है। फिर भी निर्धारित १५ फीसदी कोटे का दोगुना बदायूं में लाभार्थी हैं।
योजना के तहत ७५ फीसदी रकम देता है केंद्र
इंदिरा आवास योजना के तहत छत विहीन गरीब परिवारों को आवास मिलता है। पहले प्रति आवास ४५ हजार रुपए धनराशि थी, अब इसे बढ़ाकर ७० हजार रुपए कर दिया गया है। योजना के तहत ७५ फीसदी धनराशि केंद्र सरकार देती है वहीं २५ फीसदी राज्य सरकार। लाभार्थियों को ३५-३५ हजार रुपए दो किश्तों में मिलते हैं।
जिला———-कुल आवास———अल्पसंख्यकों को
बरेली————-४९४—————३८९
पीलीभीत———२८३९————–२२१०
शाहजहांपुर———२६६३————-९८९
स्त्रोत : अमर उजाला