उलटा चोर कोतवाल को डांटे !
इस्लामाबाद – वार्ता बहाल करने के लिए शर्तें तय करने को लेकर पाकिस्तान ने मंगलवार को भारत पर पलटवार करते हुए इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, ‘जब भारत नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करना जारी रखे हुए है, भारत अधिकृत कश्मीर में असहाय कश्मीरियों के खिलाफ वह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहा है और पाकिस्तान में विध्वंसक गतिविधियां कर रहा है, तो फिर ऐसे में उसका पाकिस्तान से हिंसा मुक्त माहौल बनाने को कहना सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण प्रतीत होता है।’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के तीन शर्तों का पालन किए जाने की बात दोहराने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। सुषमा ने पाकिस्तान के साथ किसी तरह की बातचीत के लिए आतंक और हिंसा मुक्त माहौल और मुंबई हमला मामले में मुकदमे का सामना कर रहे लश्कर ए तैयबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ कार्रवाई सहित तीन शर्तों का पालन किए जाने की बात दोहराई थी। यहां विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक विस्तृत जवाब में अजीज ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा हाल ही में स्पष्ट की गई नई भारतीय नीति का जिक्र किया। इस बारे में उन्होंने कहा कि इसने पाकिस्तान में भारत की संलिप्तता के बारे में इस्लामाबाद की आशंका की पुष्टि कर दी है।
उन्होंने अरबों डॉलर के पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा के ‘स्वीकार्य नहीं’ होने की स्वराज की टिप्पणी पर हैरानी जताई और कहा कि मेगा परियोजना क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास तथा समूचे क्षेत्र के आम लोगों की समृद्धि के लिए है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए क्षेत्रीय संपर्क और गलियारे की अहमियत पर उनकी घोषणाओं पर भारतीय बयानों में विरोधाभास है तथा गलियारा के बारे में उनकी नकारात्मक टिप्पणियां हैं। अजीज ने कहा कि पाकिस्तान अन्य देशों से द्विपक्षीय संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति रखता है और पाक के द्विपक्षीय संबंधों पर टिप्पणी के मामले में अन्य देशों से भी यही उम्मीद रखता है। अजीज ने कहा, ‘पाकिस्तान का यह भी मानना है कि जम्मू कश्मीर के लोग कश्मीर विवाद में अहम साझेदार हैं क्योंकि उन्हें अपने आत्मनिर्णय के अधिकार का इस्तेमाल करना बाकी है जो संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों में शामिल है।’
स्रोत : नवभारत