माघ कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११५
अहिंसक बौद्ध हिंसात्मक कृत्य करते हैं, जबकि हिंदु क्षात्रधर्मका पालन करनेके स्थानपर गांधीगिरी करते हैं !
यंगून – बीबीसीने ब्रह्मदेशके रखाइन प्रांतमें पिछले कुछ दिनोंमें कट्टरवादी बौद्धोंके आक्रमणमें ३० से अधिक रोहिंग्या धर्मांधों की हत्या होनेका समाचार दिया है । कहा जा रहा है कि यह अंक न्यून है एवं ७० से अधिक धर्मांधों की हत्या हुई है । अंतर्राष्ट्रीय सहायता तंत्रके दो अधिकारियोंने कहा कि उन्हें आक्रमणोंके प्रमाण मिले है । परंतु सरकार एवं स्थानीय अधिकारियोंने कहा है कि ऐसी घटनाएं नहीं हुई है ।
१. इन अधिकारियोंको ब्रह्मदेशके पश्चिम क्षेत्रमें जानेकी अनुमति दी गई थी । मानवाधिकार संगठन फोर्टिफाय राईटस्ने दावा किया है कि पिछले सप्ताहमें ५ दिनतक बौद्धोंद्वारा रोहिंग्या धर्मांधों पर आक्रमण किए जा रहे थे ।
२. पिछले माहमें ब्रह्मदेशके मॉन्गडा नगरमें रोहिंग्या धर्मांध एवं पुलिसकर्मियोंमें संघर्ष होनेके समाचार आरहे थे, जिससे राखाइनमें हुए आक्रमणकी जानकारी मिली।
३. कहा जा रहा है कि बांग्लादेशकी सीमामें प्रवेश करते समय हुए संघर्षके कारण अधिक रोहिंग्या धर्मांध मारे गए ।
४. यहांके एक पुलिस सिपाहीके लापता होनेकी घटनाके कारण बौद्धोंने रोहिंग्या धर्मांधों पर आक्रमण करना आरंभ किया । मुसलमानोंद्वारा इस पुलिसकी हत्या होनेके संदेहके कारण उन्होंने आक्रमण आरंभ किए ।
५. रोहिंग्या पुलिस धर्मांधों ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय बौद्धोंके आक्रमणके समय सुरक्षादलोंकी सहायता मिलनेके कारण उन्होंने डु चार यार तान आदि गांवोंपर आक्रमण किया ।
६. संयुक्त राष्ट्रके मानवाधिकार प्रमुख वलेरी अमोसद्वारा सरकारसे मांग की गई है कि सहायता करनेवाले अधिकारी एवं कर्मचारियोंको आक्रमण किए गए क्षेत्रमें जाकर कार्य करनेकी अनुमति दें तथा घटनाकी त्वरित निष्पक्ष जांच हो ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात