हिंदूआें, मोदीजी का यह वक्तव्य सुनकर आश्चर्यचकित होने की आवश्यकता नहीं । मोदीजी यही दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि हम काँग्रेस से कुछ कम नहीं । अब मोदीजी को हिंदूंआें के नेताआें से भी भेंट करनी चाहिए और उनसे हिंदुत्व के विषय में चर्चा करनी चाहिए । परंतु प्रश्न यह है की मुसलमानों से मिलनेवाले मोदीजी क्या हिंदूआें के नेताआें से भी मिलेंगे ? क्या मोदीजी हिंदूआें की सहायता के लिए आधी रात में भी उपलब्ध रहेंगे ? – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
नई दिल्ली – सांप्रदायिक बयानबाजी पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े संगठनों को कड़ा संदेश देने के ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मोदी ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से कहा कि वह रात १२ बजे भी उनकी मदद के लिए तैयार मिलेंगे। इस दौरान पीएम ने कहा कि वह ऐसी राजनीति में विश्वास नहीं रखते, जो लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटती है और न ही वह कभी सांप्रदायिक भाषा बोलेंगे।
सांप्रदायिक भाषा से नुकसान
शब-ए-बारात के अवसर पर मोदी से मिलने आए मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में मोदी ने कहा, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक की सियासत देश का पहले ही बहुत नुकसान कर चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार और विकास सब समस्याओं का समाधान है और वह ऐसा करने पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास किसी एक समुदाय के लिए नहीं होता। प्रतिनिधियों का शुक्रिया अदा करते हुए पीएम ने कहा कि शब-ए-बारात के व्यस्त मौके पर मुलाकात करने आना बहुत सराहनीय है। मुस्लिम नेताओं ने मुस्लिम युवाओं के बारे में प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण के लिए बधाई दी जिसमें उन्होंने कहा है कि मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में कुरान हो तो दूसरे हाथ में कंप्यूटर।
सबका ख्याल रखना जिम्मेदारी
अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इल्यासी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमसे कहा है कि वे किसी समुदाय के नहीं १२५ करोड़ भारतीयों के प्रधानमंत्री हैं। सबका ख्याल रखना उनका उत्तरदायित्व है। इल्यासी ने कहा कि सांप्रदायिक बयानों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के सख्त संदेश का हमने स्वागत किया।
इन नेताओं ने की मुलाकात
मोदी से मिलने आए मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इल्यासी, कौमी मजलिस-ए-शूरा के अध्यक्ष डॉक्टर ख्वाजा इफ्तेखार अहमद, इस्लामिक काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कारी मोहम्मद मियां मजहरी, मौलाना बिलाल अहमद, मौलाना मुहम्मद यूनुस, मौलाना मुहम्मद हारून, मौलाना नसीरूद्दीन, मौलाना मुहम्मद इकराम, मौलाना बुरहान अहमद कासमी, मौलाना अल्लामा जफर जनकपुरी, मौलाना अयूब अली, मौलाना जाकिर हुसैन, मौलाना अब्दुल मजीद, मौलाना कारी अब्दुल लतीफ, मौलाना इल्यास भरतपुरी, मौलाना लुकमान तारापुरी, डॉक्टर असगर अली खान, डॉक्टर असलम परवेज अहमद, प्रोफेसर काजी ओबैद उर रहमान शामिल हैं।
स्रोत :लाइव हिन्दुस्थान