माघ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५
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१. ११ खिलाडियोंका अपहरण कर उनकी हत्या करनेवाली 'ब्लैक सितंबर' आतंकवादी संस्थाकी घटनासे संबंधित सभी व्यक्तियोंकी हत्या कर स्वयंपर हुए आक्रमणका प्रतिशोध लेनेवाला इस्राईल ! : वर्ष १९७२ में म्युनिचमें हुई ऑलिंपिक प्रतियोगिताकी कालावधिमें पैलेस्टाईन आतकंवादी संस्था 'ब्लैक सितंबर' के सदस्योंने इस्राईलके ११ खिलाडियोंका अपहरण कर उनकी हत्या की । इस घटनाके पश्चात उस देशके प्रधानमंत्री गोल्डा मायरने ‘मोसाद’ गुप्तचर संगठनको अपहरणसे संबंधित प्रत्येक व्यक्तिकी हत्या करनेके आदेश दिए । यासर अराफतके सुरक्षा दलका प्रमुख अली हसन सलामेह ही इस अपहरणकी घटनाके लिए उत्तरदायी था । २२.१.१९७९ के दिन बैरुतमें बमविस्फोट कर उसकी हत्या की गई । इस घटनाके उपरांत केवल एक वर्षमें इस्राईली सैन्यद्वारा 'ब्लैक सितंबर' के ३ सदस्योंकी हत्या की गई एवं प्रधानमंत्रीके आदेशके अनुसार ‘मोसाद’ संगठनद्वारा कुछ व्यूहरचनाओंकी (मोहिमा) योजना बनाकर इस घटनासे संबंधित सभी व्यक्तियोंकी हत्या की गई ।
२. लिबियाके आतंकवादियोंद्वारा बमविस्फोट किए गए अमेरिकी प्रतिष्ठानके विमानमें मृत व्यक्तियोंके परिवारजनोंके लिए लिबियासे डेढ अब्ज डॉलरकी पूर्ति लेनेवाली अमेरिका ! : आतंकवादियोंने २१.१२.१९८८ में अमेरिकी प्रतिष्ठानके ‘पैन’ विमानमें बमविस्फोट किया था, जिसमें इस विमानमें लंडनसे न्यूयार्क जानेवाले २५९ यात्रियोकी मृत्यु हो गई थी । साथ ही स्कॉटलैंडके लॉकर्बीमें भरबस्तीमें यह विमान गिरनेके कारण ११ नागरिक भी मारे गए एवं इस घटनामें दक्षिण आफ्रिकाके परराष्ट्रमंत्री पीक बोथा की मृत्यु हो गई थी । अनेक वर्षकी पेचीदा जांचके उपरांत ३.५.२००० को न्यायालयने लिबियाके अब्देलबसीमें अल मेग्राही एवं लमिन खलिफा फिमाह दो आतंकवादियोंको अपराधी सिद्ध कर उन्हें आजन्म कारावासका दंड सुनाया । इसमें लिबियाद्वारा उसका सहभाग स्वीकार करनेपर अमेरिकाद्वारा आक्रमणमें मृत व्यक्तियोंके परिवारजनोंके लिए लिबियासे पूरे डेढ अब्ज डॉलरकी हानिपूर्ति वसूल की गई ।
३. केवल साढेतीन दिनोंमें चेचेन्याके ३९ आतंकवादियोंकी जगहपर ही हत्या करनेवाला तथा जमानतमें रखे सैकडों लोगोंको मुक्त करनेवाला रशिया ! : २३.१०.२००२ में मास्कोके चलचित्रगृहमें चेचेन्याके ४०-५० आतंकवादियोंने ८५० प्रेक्षकोंको जमानतमें रखा था । इसके लिए उन्होंने रशिया सरकारसे चेचेन्यासे सेना वापस लेनेकी मांग की थी; परंतु रशियाके प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतीन सैन्यके समर्थनमें निश्चित रूपसे खडे रहे । इस बलपर रशियन सैन्यने उस चलचित्रगृहमें अज्ञात विषैली वायु (संभवतः नैलोजोन) छोडकर आतंकवादियोंपर बलप्रयोग किया, जिसमें १२९ प्रेक्षकोंकी मृत्यु हो गई एवं ३९ आतंकवादियोंकी जगहपर ही हत्या की गई । शेष सैकडों प्रेक्षकोंको रशियन सैन्यने सफलतापूर्वक मुक्त किया । केवल साढेतीन दिनोंमें यह सैनिकी कार्यवाही पूरी हो गई । (संदर्भ : दैनिक गोमंतक, ३.५.२०११)
राष्ट्राभिमानी नागरिको, राष्ट्रनिष्ठाको संजोकर आतंकवादका सामना करने हेतु संगठित होइए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात