माघ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५
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इलाहाबाद – कड़ाके की ठंड के बीच पौष पुर्णिमा स्नान पर्व पर करीब साढ़े आठ लाख श्रद्धालुओं ने संगम तट पर गंगा स्नान किया । बरसों बाद मकर संक्रांति स्नान पर्व के ठीक तीसरे दिन पौष पूर्णिमा स्नान पर्व का संयोग अपने में अनूठा था। खराब मौसम के कारण अनुमान की अपेक्षा कम भीड़ दिखी।
यह माघ मेला का दूसरा प्रमुख स्नान पर्व था। सभी एक दर्जन घाटों पर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था थी। संगम के घाट स्नानार्थियों और कल्पवासियों से भोर में ही भर गया था। खराब मौसम के कारण शहरी भीड़ शुरू में नहीं दिखी, मगर एक बजे के बाद सूर्य देव की कृपा हुई तो शहर से भी स्नानार्थियों का रेला संगम तट पर जा पहुंचा। मेला प्रशासन ने दावा किया है कि दोपहर दो बजे तक आठ लाख ५० हजार स्नानार्थियों ने त्रिवेणी के पवित्र तट पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया। हालांकि स्नान-ध्यान का सिलसिला शाम तक चलता रहा। शाम चार बजे के बाद सूर्यदेव फिर से बादलों में जा छिपे और ठंड ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। यहां के सभी मंदिरों में भी काफी भीड़ दिखी। दक्षिण से आए स्नानार्थियों का जमघट शंकर विमान मंडपम और वेणी माधव मंदिर सहित कई प्रमुख मंदिरों में लगा रहा।
स्त्रोत : दैनिक जागरण