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महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचार : विशेष अन्वेषण दल द्वारा पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति की जांच आरंभ !

श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति द्वारा संगठित संघर्ष की सफलता !

dharmabhiimani

कोल्हापुर (महाराष्ट्र) – श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति द्वारा कोल्हापुर के साथ ५ जिलों के ३ सहस्र ६७ देवस्थान नियंत्रण में रहनेवाले पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति का घोटाला उजागर किया गया । इस लडाई को अब निर्णायक सफलता मिलने की संभावना उत्पन्न हो गई है । इस संदर्भ में विशेष अन्वेषण दल द्वारा जांच आरंभ की गई है । अतः इस समिति पर कार्य करनेवाले कांग्रेसी नेता भयभीत हो गए हैं ।

१. शिवसेना के स्थानीय विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर एवं श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति द्वारा किए गए   पृष्ठपोषण के उपरांत मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस के आदेश के अनुसार स्थापित यह अन्वेषण दल ३ जून को कोल्हापुर में प्रवेश कर गया है ।

२. इस दल ने पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के  कार्यालय का भ्रमण कर जानकारी ली एवं ४ जून को कुछ कागदपत्रों(दस्तावेजों) की जांच की ।

३. दल की उपाधीक्षक दीपाली काले ने कहा कि हाल ही में उन्हें जांच करने के संदर्भ में पत्र प्राप्त हुआ है, जिस के अनुसार हम देवस्थान समिति की पूरी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं ।

४. इस संदर्भ में देवस्थान व्यवस्थापन समिति की सचिव शुभांगी साठे ने कहा कि अब तक हमें इस संदर्भ में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ ।

श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति द्वारा अब तक की गई लडाई का घटनाक्रम !

१२ जनवरी २०१५ : पत्रकार परिषद द्वारा पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के सहस्रों कोटि रुपए का घोटाला उजागर

२ फरवरी २०१५ : भ्रष्टाचार के विरुद्ध २ सहस्र से अधिक हिन्दुओं द्वारा विशाल शोभायात्रा

१९ मार्च २०१५ : विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर ने विधानभवन के अहाते में एवं हिन्दू जनजागृति समिति ने आजाद मैदान में आंदोलन किया ।

१९ मार्च २०१५ : मुख्यमंत्री द्वारा अपराध अन्वेषण विभाग की ओर से कथित प्रकरण की जांच कराने का आश्
वासन

८ अप्रैल २०१५ : विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर ने विधानसभा में सभागृह को लक्षवेधी प्रस्तुत कर घोटाले की जानकारी दी । तदुपरांत मुख्यमंत्री ने विशेष अन्वेषण दल द्वारा कथित घोटाले की जांच कराने की घोषणा की ।

९ अप्रैल २०१५ : भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति ने पत्रकार परिषद के माध्यम से कथित घोटाले की कालबद्ध जांच करने की मांग की ।

१२ मई २०१५ : मुख्यमंत्री ने गृहमंत्रालय को कथित घोटाले की जांच के आदेश दिए ।

३ जून २०१५ : विशेष अन्वेषण पथक द्वारा घोटाले की जांच आरंभ

श्री. राजेश क्षीरसागर, विधायक, शिवसेना : हिन्दू विधिज्ञ परिषद द्वारा यह घोटाला उजागर करने से मुझे विधानसभा में श्री महालक्ष्मीदेवी मंदिर के लुटेरों के विरुद्ध आवाज उठाना संभव हो पाया । विशेष अन्वेषण दल के जांच के अंत में भ्रष्टाचारियों को निश्चित रूप से दंड मिलेगा । इस देवस्थान समिति की स्थापना से लेकर आज तक उसके मूल में जाकर भ्रष्टाचार का शोधन किया जाएगा । भ्रष्टाचारियों को कठोर दंड होने से लेकर देवी का सोना, भूमि इत्यादि सभी वस्तुएं वापिस मिलने तक हमारी लडाई चालू ही रहेगी !

श्री. संभाजी साळुंखे, जिलाध्यक्ष, बजरंग दल, कोल्हापुर : इस आंदोलन में सम्मिलित होनेवाले प्रत्येक व्यक्ति का अभिनंदन ! विशेष अन्वेषण पथक को पूरी जांच कर शीघ्रातिशीघ्र इस विषय की सच्चाई जनता के सामने लाकर जनहित की रक्षा करनी चाहिए । संबंधित दोषियों को कारागृह में भेजकर श्रद्धालुओं को दिया अर्पण वसूल करना ही इस आंदोलन का उद्देश्य है ।

श्री. सुनील घनवट, महाराष्ट्र राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति : श्री महालक्ष्मी देवी को संकट में डालने का यह परिणाम है । जांच समिति को सभी आरोपों पर ध्यान देना चाहिए । इस संदर्भ में लोगों से आवाहन है कि यदि उन्हें देवस्थान समिति के भ्रष्टाचार के संदर्भ में जानकारी है, तो सूचित करें । मुख्यमंत्री भी भ्रष्टाचारियों को त्वरित दंड दें ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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