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शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजीद्वारा प्रयागराजके माघमेलेमें लगाई गई सनातनकी प्रदर्श

माघ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५

प्रदर्शन देखते हुए स्वामी निश्चलानंदसरस्वती (छायाचित्रमें )

प्रदर्शन देखते हुए स्वामी निश्चलानंदसरस्वती (छायाचित्रमें )

प्रयागराज – २७ जनवरीको सवेरे११ बजे यहांके माघमेलेमें पुर्वाम्नाय गोवर्धन पीठके शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजीका आगमन हुआ । यहांके सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृति समितिद्वारा लगाए गए राष्ट्र एवं धर्म विषयक प्रदर्शनी कक्षमें शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजीने अपने निजी सचिव स्वामी निर्विकल्पानंदजीके साथ भ्रमण किया । कक्षमें आनेपर शंकराचार्यजीने प्रदर्शनीमें लगाया गया प्रत्येक फलक पढा । इस अवसरपर स्वामी निर्विकल्पानंदजीने प्रत्येक साधकसे व्यक्तिगत पूछताछ की । शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजीने भी सब साधकोंसे, ‘क्या साधकोंको कोई अडचन तो नहीं है ?’ इस प्रकारसे विचारणा की ।

क्षणिकाएं

१. प्रदर्शनी लगानेवाले साधकों एवं कार्यकर्ताओंके लिए शंकराचार्यजीके मंडपमें ही महाप्रसादकी व्यवस्था की गई है । दोपहरमें साधक महाप्रसादके लिए वहां गए थे, तो शंकराचार्यजीने स्वयं आकर ‘क्या सब व्यवस्थित है ? कुछ कष्ट तो नहीं है ?’ इस प्रकारसे पूछताछ की ।

२. साधकोंके महाप्रसाद ग्रहण करनेतक स्वामी निर्विकल्पानंदजी वहींपर रूककर साधकोंसे आत्मियतासे वार्तालाप कर रहे थे ।

सनातनके साधकोंमें जो तेज है, वैसा अन्यत्रके किसी संगठन एवं संस्थाओंमें कहीं भी दिखाई नहीं दिया ! – स्वामी निर्विकल्पानंदजी

इस अवसरपर स्वामी निर्विकल्पानंदजीने कहा, ‘मैंने अनेक हिंदुनिष्ठसंगठन एवं आध्यात्मिक संस्थाओंका भ्रमण किया; परंतु सनातनके साधकोंसमान तेज कहीं भी नहीं दिखाई दिया । इसलिए मुझे सनातन संस्था अपनी लगती है; क्योंकि सनातनके साधक नि:स्वार्थ भावसे सेवा करते हैं । मेरी तो इच्छा थी कि साधक यहींपर रहें । (शंकराचार्यजीके शिविरमें) परंतु मनमें विचार आया कि क्या साधक इतना साधा प्रसाद पसंद करेंगे ? साधकोंकी सेवाकेंद्रसे आने-जानेकी अडचन देखकर मैंने हां किया । इसपर एक साधिकाने कहा कि महाप्रसाद अच्छा है । इसपर शंकराचार्यजीने कहा कि यदि अपने विचार व्यापक हैं, तो सब अच्छा लगता है । किसी भी स्थितिमें आनंद ही प्रतीत होता है । इतनी वर्षा हुई, कीचड हुआ, इतनी ठंड है, तो भी सब आनंदमें हैं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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