माघ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५
ओडिसा राज्यमें सनातन संस्थाके धर्मप्रसार कार्य
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१. जिज्ञासुओंको दिए गए व्यक्तिगत संपर्कोकी संख्या :
१९४
२. ओडिसा राज्यमें अग्रणी होनेवाले राजधानी बुक फेयरमें आयोजित प्रदर्शनीको प्राप्त उत्तम प्रतिसाद ! :
प्रतिवर्ष भुवनेश्वरमें आयोजित पुस्तक मेलामें ओडिसा राज्यके जिज्ञासुओंने सहस्रोंकी संख्यामें राज्यमें अग्रणी होनेवाले राजधानी बुक फेयरमें सनातन संस्थाके ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादकी प्रदर्शनीका भ्रमण किया ।
अ. ४.१२.२०१३ से १५.१२.२०१३
इस कालावधिमें यहांके ‘एक्जीबिशन ग्राऊंड'पर आयोजित इस प्रदर्शनीमें सनातन-निर्मित अध्यात्म, राष्ट्ररक्षा, आयुर्वेद आदि विषयोंके ग्रंथ, सात्त्विक उत्पाद तथा सनातन पंचांग २०१४ का महत्त्व विषद कर सैकडों जिज्ञासुओंने ये साहित्य खरीदे । सहस्रों जिज्ञासुओंने संस्थाके राष्ट्र एवं धर्म विषयक कार्य भी उत्साह तथा जिज्ञासासे ज्ञात किया ।
आ. इस प्रदर्शनीमें उडिया भाषाके ग्रंथ तथा लघुग्रंथोंका अच्छा वितरण हुआ । उसमें २९६ ग्रंथ, १ सहस्र १२२ लघुग्रंथ तथा ३३७ सनातन पंचांगोंका वितरण हुआ । इस प्रदर्शनीके माध्यमसे १७ सहस्र ९८६ रुपएका वितरण हुआ । ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पाद खरीदनेवाले १४८ जिज्ञासुओंके संपर्क क्रमांक प्राप्त हुए ।
इ. क्रियायोग अंतरराष्ट्रीय संस्थानके संत स्वामी प्रज्ञानानंदने सनातनकी ग्रंथप्रदर्शनीका अवलोकन किया । उन्होंने भगवान श्रीकृष्णके सात्त्विक छायाचित्रके विषयमें बताई गई जानकारी जिज्ञासापूर्वक सुनी । साथ ही सनातनका कार्य, आध्यात्मिक ग्रंथ तथा साहित्य निर्मितिके संदर्भमें समाधान व्यक्त किया ।
ई. योग वेदांत समितिके युवक तथा अभियांत्रिकी शाखामें उच्च शिक्षा प्राप्त करनेवाले २ – ३ साधक प्रतिदिन प्रदर्शनीका भ्रमण कर कर्पूर तथा इतरकी (इत्र) उपायपद्धति ज्ञात कर रहे थे । वे प्रतिदिन पृथक-पृथक ४ – ५ मित्रोंको साथ लेकर उन्हें यह जानकारी समझानेके लिए साधकोंको बताते थे ।
३. सत्संगका आयोजन करनेमें राज्यस्तरीय जादूगर श्री. कृष्णचंद्र त्रिपाठी तथा अधिवता श्री. ब्रिजेश मिश्राका उत्स्फूर्त सहयोग ! :
राऊरकेलाके राज्यस्तरीय जादूगर श्री. कृष्णचंद्र त्रिपाठीने अपने घरमें सत्संगका आयोजन किया । उस समय उनके आसपासके १५ जिज्ञासु इस सत्संगके लिए उपस्थित थे । सत्संगमें सहयोगी जिज्ञासुओंने बताया कि ‘मुसलमान, ईसाई, कांग्रेस शासन तथा प्रसारमाध्यमोंद्वारा इतनी बडी मात्रामें धर्महानि हो रही है, इस विषयमें हम अनभिज्ञ थे, इस संदर्भकी जानकारी पहली बार ही हमने सुनी ।’ धर्माभिमानी अधिवक्ता श्री. ब्रिजेश मिश्राने सत्संगका आयोजन करनेके लिए विशेष रूपसे प्रयास किए । यहांके राज्यस्तरीय जादूगर श्री. कृष्णचंद्र त्रिपाठीने प्रति पाक्षिक सत्संगका आयोजन करनेकी विनती की ।
४. इस प्रकार सनातन पंचांगोंका वितरण भारी संख्यामें हुआ :
ओडिसा राज्यमें २०१४ के सनातन पंचांगोंका उडिया भाषाके १० सहस्र, हिंदी भाषाके ७५० एवं अंग्रेजी भाषाके १०० इस प्रकार कुल मिलाकर १० सहस्र ८५० प्रतिका वितरण किया गया ।
– श्री. प्रकाश मालोंडकर, भुवनेश्वर, ओडिसा
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात