लखनऊ : बीजेपी के राज्यसभा सांसद विनय कटियार के बाद अब पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और राम जन्मभूमि संघर्ष समिति के संयोजक रहे स्वामी चिन्मयानंद ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। स्वामी चिन्मयानंद ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार ने मंदिर मसले पर रुख साफ नहीं किया तो साधु-संत विद्रोह कर देंगे। स्वामी चिन्मयानंद के मुताबिक राम मंदिर के मामले में साधु-संतों में कसमसाहट है और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि इस साल छह सितंबर को वीएचपी के बैनर तले नासिक में साधु-संतों का सम्मलेन होना है। सम्मेलन में राम मंदिर पर मोदी सरकार के रुख पर एजेंडा तैयार करेंगे। मंदिर मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयानों पर उन्होंने कहा कि सरकार इस मसले को दरकिनार करना चाहती है और इसी वजह से पीएम चुप हैं। स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि अमित शाह ने दो-तिहाई बहुमत की बात कहकर पार्टी की मंशा साफ कर दी है।
न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी
राजनाथ सिंह और अमित शाह के बयानों पर स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि रामभक्तों ने कभी नहीं सोचा था कि राम मंदिर मुद्दे पर सरकार ऐसा रुख अपनाएगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार और बीजेपी के बयान साफ कर देते हैं कि न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष के बयानों से रामभक्त निराश हैं और इसे देखते हुए साधु-संत भी अपनी रणनीति तय करने पर मजबूर हुए हैं।
अयोध्या, गोधरा कांड हैं मोदी की पहचान
स्वामी चिन्मयानंद ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि अगर अयोध्या और गोधरा कांड न हुए होते तो नरेंद्र मोदी की कोई पहचान न होती। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राम जन्मभूमि आंदोलन से नहीं जुड़े थे, लेकिन नरेंद्र मोदी तो रामजन्म भूमि आंदोलन से ही उपजे हैं। गोधरा में रामभक्तों से अगर क्रूरता का व्यवहार न हुआ होता और गुजरात की जनता ने उसका जवाब न दिया होता तो मोदी सिर्फ मुख्यमंत्री ही रहते।
स्रोत : भास्कर