कन्याकुमारी के पू. दिव्य जीवनदास महाराज ने अपने मार्गदर्शन में आवाहन करते हुए कहा कि इस पवित्र भारतभूमि में अधर्म का उच्चाटन कर धर्मकी संस्थापना करने हेतु ईश्वरने अनेक अवतार धारण किए हैं । भक्तों की श्रद्धा बढाने हेतु उस काल में भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण आदि अवतारों ने स्वयं को श्रेष्ठ बताया था, इसलिए उनके अनुयायियों को उन अवतारों की उपासना में कोई भेद नहीं करना चाहिए । हम यहां हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना एवं उसकी उन्नति के लिए एकत्रित हुए हैं । इसलिए इस धर्मकार्य में हम सभी को योगदान करना चाहिए ।
लव जिहाद के विषय में पू. महाराज ने कहा, मुझे १७ वर्ष पूर्व बताया गया था कि इंग्लैंड में हिन्दू युवती से विवाह करने पर मुसलमान युवकों को पारितोषिक स्वरूप १ सहस्र पाऊंड दिए जाते हैं । उसे पुत्र होनेपर २ सहस्र पाऊंड और तलाक देने पर ३ सहस्र पाऊंड पारितोषिक दिया जाता है तथा इसी प्रकार की शिक्षा वहां के मदरसों में दी जाती है । मुसलमान इस प्रकार की योजना गत अनेक वर्ष पूर्व से बना रहे हैं । गत अनेक वर्षों से हिन्दुत्व नष्ट करने हेतु बडी मात्रा में प्रयास हो रहे हैं । उसे प्रत्युत्तर देने के लिए हिन्दुआें को भी अधर्म का निर्मूलन तथा धर्म की पुनर्स्थापना के लिए रूपरेखा सिद्ध करनेकी आवश्यकता है । अब हिन्दुआें को जागृत होना आवश्यक है ।