गोवा के भाजप शासन ने श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक को गोवा में प्रवेश करने हेतु प्रतिबंधित किया है । इसलिए वह इस अधिवेशन में उपस्थित नहीं रह सके । श्री. मुतालिक ने अधिवेशन हेतु संदेश भेजा है कि,मैं मन से इस अधिवेशन के साथ हूं । मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि यह अधिवेशन निर्विघ्न रूपसे संपन्न हो । यह संदेश पू. डॉ. पिंगळेजी ने व्यासपीठ पर पढकर सुनाया ।
पू. डॉ. पिंगळेजी ने मत व्यक्त करते हुए कहा कि, हिन्दुत्ववादी कहलानेवाले गोवाके भाजप शासन ने अल्पसंख्यकोंके मतों के लिए प्रखर हिन्दुुत्ववादी नेता और श्रीराम सेना के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक को गोवा राज्य में प्रवेश करनेपर प्रतिबंध लगाया है । यह प्रतिबंध संविधान द्वारा प्रदत्त संचार स्वतंत्रता का हनन करनेवाला है । गोवा शासन के इस निषेधार्ह निर्णय के कारण श्री. मुतालिकजी इस चतुर्थ अधिवेशनमें उपस्थित नहीं रह सके । कश्मीर में धारा ३७० लागू होते हुए भी भारत के किसी भी हिन्दू को वहां प्रवेश मिलता है तथा गोवा में धारा ३७० लागू न होते हुए भी श्री. मुतालिक पर प्रतिबंध लगाया जाना अन्याय है ।