माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५
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हिंदुओं, इस सफलताके लिए ईश्वरके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
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क्या अबतक यह अवैध पशुवधगृह सरकारको दिखाई नहीं दिया ?
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जनताके आंदोलन करनेपर ही जागृत होनेवाले प्रशासनपर इतना खर्च किस लिए ?
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जैनमुनि पू. विनम्रसागरजी महाराजद्वारा मोर्बाके पश्चात धाराशिव, नई मुंबई, मीरा-भाईदर एवं भिवंडीके पशुवधगृहोंके विरुद्ध भी लडाई करनेका निर्णय !
(संतोंके नेतृत्वमें हिंदुओंकी संगठित शक्ति एवं ईश्वरकी कृपाके कारण मोर्बाके पशुवधगृहके विरोधमें कार्यवाही करनेके लिए सरकारको विवश होना पडा । मोर्बाकी संगठन शक्तिका आदर्श आंखोंके समक्ष रखकर धर्म अन् राष्ट्रपर होनेवाले प्रत्येक आघातके विरुद्ध ऐसे ही संगठित रूपसे सक्रिय होकर और भी उत्साहसे कार्य करनेका निश्चय करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
मानगाव तहसीलके मोर्बामें ६८ एकड भूमिमें पिछले वर्षसे पशुवधगृहका निर्माण कार्य चल रहा था । इससे होनेवाले दुष्परिणाम ध्यानमें लेकर इसके विरुद्ध २० जनवरीको महामोर्चा निकाला गया । शिवसेनाके साथ विविध हिंदु संगठनके नेतृत्वमें लगभग २५ सहस्रसे अधिक हिंदुओंने संगठित होकर महामोर्चा निकाला था । मोर्बाके पश्चात अब धाराशिव, नई मुंबई, मीरा-भाईदर एवं भिवंडी के पशुवधगृहोंके विरुद्ध आंदोलन करेंगे ! – जैनमुनि पू. विनम्रसागरजी महाराजजैनमुनि पू. विनम्रसागरजी महाराजद्वारा चेतावनी दी गई थी कि जबतक मोर्बाके अनधिकृत पशुवधगृहका निर्माण कार्य तोडना आरंभ नहीं होगा, तबतक रायगढ नहीं छोडेंगे । इसके अनुसार यह निर्माणकार्य तोडना आरंभ हो गया है । छत्रपति शिवाजी महाराजकी पवित्र भूमिमें पशुवधगृहका होना निंदनीय है ! पू. विनम्रसागरजी महाराजने कहा कि महाराष्ट्रके धाराशिवमें (उस्मानाबाद) १५० एकड भूमिमें सबसे बडे पशुवधगृहका निर्माण कार्य करनेका षडयंत्र रचा जा रहा है । साथ ही नई मुंबई, मीरा-भाईदर एवं भिवंडीमें पशुवधगृह खोलकर पर्यावरण एवं जनताके स्वास्थ्यके साथ खेलनेकी घटना चल रही है । इन सबके विरुद्ध बडा आंदोलन छेडा जाएगा । (गोरक्षाके लिए अकेले जैनमुनि सफलतापूर्वक आंदोलन कर अन्य स्थानकी धर्महानिके विरुद्ध भी लडनेकी सिद्धता रखते हैं । हिंदुओंके लिए यह सिखने योग्य है । एक जैन मुनिको जो संभव होता है, वह हिंदुओंके अनेक संत-महंत एवं बलवान हिंदुनिष्ठ संगठनोंके लिए क्यों नहीं संभव होता ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) जैन समाजके श्री. राकेश जैनद्वारा इस आंदोलनमें प्रत्येक धर्माभिमानी व्यक्तिको तन, मन एवं धनसे सम्मिलित होकर अपना धर्मकर्तव्य निभानेका आवाहन किया गया है । हिंदुओंकी एकताका विजय ! – श्री. प्रमोद घोसालकर, दक्षिण जिलाप्रमुख, शिवसेनामोर्बाके पशुवधगृहको आरंभसे ही सबने विरोध किया था । तो भी प्रशासन उसके प्रति उदासीन था; परंतु हिंदुओंने अपनी मुटि्ठयां बांधकर इसके विरुद्ध जोरदार आंदोलन करनेके कारण ही यह कार्यवाही संभव हुई ! स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात |