हिन्दू धर्म पर होनेवाले विविध आघातों के विरोध में वैधानिक संघर्ष करने से वह सफल होता है । पंढरपुर की देवस्थान समिति के भ्रष्ट कारोबार के विरोध में परिषद द्वारा याचिका प्रविष्ट की गई थी । १ वर्ष की कालावधि में देवस्थानके हाथ से निकली हुई १ सहस्र २०० एकड भूमि में से ३५१ एकड भूमि वापस मिल गई । इस संदर्भ में हमारा संघर्ष चल रहा है, उसे हम अंतिम चरण तक ले जाएंगे । पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के अंतर्गत आनेवाले ३ सहस्र ६७ मंदिरों के व्यवस्थापन में भी बडी मात्रा में घोटाला था । इनमें से अनेक मंदिर प्राचीन हैं । ऐसा होते हुए २५ सहस्र एकड भूमि गायब होना, आभूषणों का हिसाब न होना, खनन का हिसाब न होना तथा अनेक अन्य बातों में घोटाला था । सूचना के अधिकारों के अंतर्गत संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर हमने वह उजागर की । इसके विरोध में बडा आंदोलन हुआ । शासन को घोषित करना पडा कि राज्य अपराध अन्वेषण मंत्रालय की ओर से इसका अन्वेषण किया जाएगा । वर्तमान में इसकी पूछताछ प्रारंभ हो चुकी है । बडे राज्यकर्ता भी इस प्रकरण में कारागृह में जाने की संभावना है ।