माघ शुक्ल पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११५
आईएनएस विक्रांत |
नई दिल्ली – आईएनएस विक्रांत । भारतीय जलसेना का वह एयरक्राफ्ट कैरियर युद्धपोत जिसने १९७१ के युद्ध में दुश्मन को दहला दिया था, अब कबाड़ में तब्दील होने जा रहा है । इस शानदार जहाज को तोड़कर बेच दिया जाएगा ।
एक अखबार के मुताबिक कभी भारत की शान कहा जाने वाला आईएनएस विक्रांत अलंग में तोड़ा जाएगा और फिर कबाड़ के भाव बेच दिया जाएगा । अलंग में ही पुराने जहाजों को तोड़कर बेचा जाता है । २१३.३ मीटर लंबा यह विमान वाहक पोत जल्द ही भावनगर बंदरगाह पहुंचेगा ।
केन्द्र सरकार ने इसकी नीलामी के लिए ३.१ करोड़ रुपये की रकम तय की थी लेकिन उसे उससे ज्यादा मिला है । इसमें १५,००० टन लोहा है । इसकी मरम्मत पर सरकार ने २२ करोड़ रुपये खर्च भी किए थे ।
पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका रद्द कर दी थी जिसमें कहा गया था कि वह सरकार को इसकी नीलामी से रोके । चीफ जस्टिस मोहित शाह और जस्टिस एमएस संकलेचा ने रक्षा मंत्रालय की इस दलील को मान लिया था कि यह पूरी तरह से असुरक्षित जहाज है और इसे संग्राहलय भी नहीं बनाया जा सकता । कई संगठन मांग कर रहे थे कि इसे युद्ध संग्राहलय बना दिया जाए । १९७१ में इस जहाज ने कराची बंदरगाह पर बमबारी में जबर्दस्त भूमिका निभाई थी ।
स्त्रोत : आज तक