शास्त्रधर्म प्रचार सभा, बंगाल के सचिव डॉ. शिवनारायण सेनजी ने चतुर्थ हिन्दू अधिवेशन में उपस्थित धर्माभिमानियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘जो पापकर्मों का विरोध करते हैं, वे साधू-संत होते हैं । आज सनातन संस्था ऐसे धर्मविरोधी अथवा पापकर्मों का विरोध कर रही है । राजा भी धर्म के अधीन है । भारत के संविधान में हिन्दूू धर्म, देवता और देवताआें के आशीर्वाद का उल्लेख नहीं है । अन्य देशों के संविधान में ईश्वर और भगवान का आशीर्वाद का उल्लेख दिखाई देता है । हिन्दूू धर्म के नियमों का पालन करने से संपूर्ण समाज संगठित होकर बंध जाएगा । ईश्वर के सामने सब समान हैं । हिन्दूू राष्ट्र में सब को एक न्याय दिया जाएगा । धर्म से बडा कोई नहीं है ।’