केरल के अधिवक्ता गोविंद के. भारतन् जी ने मंदिरों में होनेवाले के विषय में बताते हुए कहा, ‘केरल राज्य में ४७ सहस्र से अधिक मंदिर हैं. जिनमें से मुख्य मंदिरों के व्यवस्थापन समिति में हिन्दूू धर्मविरोधी व्यक्ति हैं । इसके विरोध में हमने न्यायालयीन संघर्ष कर अनेक मंदिरों के व्यवस्थापन से हिन्दूद्रोहियों को हटाया है । देश के सर्व मंदिरों के व्यवस्थापन में हिन्दुत्वनिष्ठ नियुक्त करने हेतु देशांतर्गत कानून बनाने के लिए हम शीघ्र ही याचिका प्रविष्ट करनेवाले हैं तथा इस संघर्ष में सर्व हिन्दुत्ववादी अधिवक्ताआें का सहभाग अपेक्षित है । हिन्दुआें के मंदिरों में बडी मात्रा में अर्पण स्वरूप आनेवाला धन और अन्य मूल्यवान वस्तुआें पर राज्यकर्ताआें की दृष्टि है । केरल में स्थित बडे मंदिरों के धन का उपयोग कहां तथा कैसे होता है, यह किसी को ज्ञात नहीं है । प्रत्येक हिन्दू को स्वयं के मंदिरों की रक्षा तथा वहां के व्यवस्थापन में हिन्दुत्वनिष्ठ व्यक्ति का चयन करने का दायित्व लेना चाहिए ।’