हिन्दू राष्ट्र में श्रीलंका के हिन्दुओं को भी समाविष्ट करें ! – मारावनपुलावु के. सच्चितानंदन्, श्रीलंका
बाएसे ज्येष्ठ अधिवक्ता गोविंद के. भारतन्, हिन्दू जनजागृति समितिके तमिळनाडु राज्य समन्वयक श्री. श्रीराम लुकतुके, हिन्दू मक्कल कत्छी (हिन्दू जनता दल) के श्री. अर्जुन संपथ, , हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे तथा श्रीलंकाकेमारावनपुलावु के. सच्चितानंदन्
फोंडा (गोवा) – रामनाथी, फोंडा में आयोजित किए गए चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दु अधिवेशन के तृतीय दिन पर श्रीलंका से आए हिन्दूत्वनिष्ठ श्री. मारावनपुलावु के. सच्चितानंदन् ने पत्रकार परिषद में वक्तव्य किया था । अपने वक्तव्य में उन्होंने यह कहा कि, ‘गत २० वर्षों में श्रीलंका के हिन्दुओं की लोकसंख्या ३ प्रतिशत से न्यून हुई है । वहां का शासन नियोजनपूर्वक वहां के हिन्दुओं को भगाने का तथा धर्मांतरित करने का कार्य कर रहा है । अभीतक श्रीलंका के सेकडों मंदिर गिराएं गए हैं, साथ ही निरंतर होनेवाले आक्रमणों के कारण वहां के हिन्दुओं को निरंतर विस्थापित होना बाध्य होता है । इन सभी समस्याओं पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही एकमात्र उपाय है तथा श्रीलंका के सभी हिन्दू भविष्य में स्थापित होनेवाले हिन्दू राष्ट्र में अपना अस्तित्व देख रहे हैं ।’
उस समय तमिळनाडु के हिन्दू मक्कल कत्छी (हिन्दू जनता दल) के श्री. अर्जुन संपथ, केरल से आए ज्येष्ठ अधिवक्ता गोविंद के. भारतन्, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे तथा समिति के तमिळनाडु राज्य समन्वयक श्री. श्रीराम लुकतुके उपस्थित थे । श्री. सच्चितानंदन् ने आगे यह भी बताया कि, ‘श्रीलंका के अल्पसंख्यकों पर होनेवाले आक्रमण तथा उनकी समस्या के अतिरिक्त अन्य धर्मियों को ही प्राधान्य दिया जाता है । आज भी वहां हिन्दूू मंदिर गिराए जाते हैं, मंदिर की भूमि बलपूर्वक अधिकार में ली जाती है तथा निर्धन हिन्दुओं को फंसाकर धर्मांतरित किया जाता है । वहां के मुसलमान हिन्दू युवतियों के साथ बलपूर्वक विवाह करते हैं । अतः लव जिहाद की समस्याएं बढ रही हैं । श्रीलंका के सर्व हिन्दू भारत के हिन्दुओं की ओर से अधिक अपेक्षा करते हैं तथा उनका यह कहना है कि, यदि भारत के हिन्दू हमें आर्थिक सहायता करेंगे, तो २०२३ में आनेवाले हिन्दू राष्ट्र में हम भी कार्यरत रहेंगे ।’
कुछही वर्षों में तमिळनाडु राज्य में जिहादियोंद्वारा १२७ हिन्दू नेताओं की अमानवीय हत्या : श्री. अर्जुन संपथ
तमिळनाडु के हिन्दू नेताओं की हत्या के संदर्भ में श्री. अर्जुन संपथ ने बताया कि, आज देश में जिहादी कार्रवाइयां केवल जम्मू-कश्मीर में आरंभ हैं, ऐसे अधिकांश हिन्दुओं को लगता है; किंतु गत कुछ वर्षों से तमिळनाडु राज्य में जिहादी आतंकवादियों द्वारा प्रस्ताव के माध्यम से १२७ हिन्दू नेताओं की अमानवीय हत्या की गई हैं । मुसलमान मतपेढी के कारण राज्यशासन तथा केंद्रशासन भी इन हत्याओं काे गंभीरता से नहीं लेता । भविष्य में यह समस्या भयानक रुप धारण करने से पूर्व ही शासन ने इस पर गंभीर उपाययोजना निकालनी चाहिए । हिन्दुओं में सुरक्षितता का विश्वास निर्माण करना चाहिए । जिस दिन से केंद्र में मोदी शासन सत्ता पर आया है, उसी दिन से तमिळनाडु की हिन्दूविरोधी शक्तियां एकत्रित आई हैं तथा उन्होंने वहां की हिन्दू संस्कृति तथा हिन्दू नेताओं को समाप्त करने का कार्य तीव्रता से आरंभ किया है । यह परिस्थिती अत्यंत गंभीर है तथा यदी उसे समय पर ही प्रतिबंधित नहीं किया गया, तो शीघ्र ही दक्षिण भारत इस्लाम तथा ईसाई पंथ में धर्मांतरित होगा । इन सभी हिन्दूविरोधी कार्रवाईयों के विरोध में हम वहां कार्य कर रहे हैं तथा हमें यह विश्वास है कि, शीघ्र ही पूरे भारत के साथ तमिळनाडु में भी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ।
हिन्दुओं को आवश्यक सर्व वैधानिक सहायता करने के लिए हम सिद्ध हैं ! – अधिवक्ता गोविंद भारतन्
ज्येष्ठ अधिवक्ता गोविंद भारतन् ने केरल राज्य के हिन्दुओं की स्थिती के संदर्भ में यह बताया कि, ‘वर्तमान में केरल राज्य में सुनियोजित पद्धति से लॅण्ड जिहाद तथा लव जिहाद आरंभ है । आखाती देश की निधी द्वारा केरल में अधिक मात्रा में भूमि विक्रय की जाती है, तो दूसरी ओर निर्धन हिन्दू युवतियों को मुसलमानों द्वारा बडे-बडे दुकानों में चाकरी हेतु ले जाकर वहां के मुसलमान युवकों के साथ विवाह करने के लिए विवश किया जाता है । इस अधिवेशन के माध्यम से भारत के सर्व हिन्दू संगठनों, अधिवक्ताओं, कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर हिन्दू धर्म पर आनेवाली आपत्तियों के विरोध में लडना चाहिए । जिस हिन्दू को वैधानिक सहायता की आवश्यकता होगी, उसे वह प्रदान करने के लए हम निरंतर सिद्ध रहेंगे ।’