आषाढ शु. ४, कलियुग वर्ष ५११
धाकुशेठ स्मृति मंडल एवं हिंदु जनजागृति समितिका संयुक्त कार्यक्रम
मुंबई – धाकुशेठ स्मृति मंडल एवं हिंदु जनजागृति समितिकी ओरसे , अंबोली, अंधेरी (प.) में राष्ट्रप्रेम जागृत करनेवाला ‘आठवावा प्रताप’ (वीरताका स्मरण करें) नामक कार्यक्रम हालहीमें आयोजित किया गया था । उस समय हिंदु राजा, तथा राष्ट्रपुरुष एवं क्रांतिकारियोंका परिचय करवानेवाली सचित्र प्रदर्शनीका आयोजन किया गया था, साथ ही कक्षा ४ थी से ७ वीं, ८वीं से १० वीं एवं ११ वीं से १५ वींतक, इन तीन गुटोंमें निबंध स्पर्धाका भी आयोजन किया गया । इस स्पर्धामें कुल मिलाकर २८ विद्यार्थियोंने हिस्सा लिया । क्रांतिकारियोंकी सचित्र परिचय प्रदर्शनीका प्रारंभ श्री. दयानंद कड्डीके शुभहाथों स्थानदेवता श्री हनुमंतके समक्ष श्रीफल तोडकर हुआ ।
उस समय हिंदु जनजागृति समितिके श्री. सतीश सोनारने अपने वक्तव्यमें बताया, ‘‘आज पाठ्यपुस्तकोंमें हिंदु राजा एवं महान क्रांतिकारियोंका परिचय नहीं दिया जाता । अभिभावक एवं बच्चोंको यह प्रदर्शनी देखकर राष्ट्रपुरुषोंके विषयमें अधिक जानकारी प्राप्त होगी । स्वातंत्र्य वीर सावरकर, लोकमान्य तिलकको कारागृहमें कष्ट ऊठाने पडे । क्रांतिकारियोंने देशके लिए जो त्याग किए, उसी कारण देशको स्वतंत्रता प्राप्त हुई है ; किंतु आजके राजनेता आकंठ (गलेतक) भ्रष्टाचारमें डूबे हुए हैं । लोकमान्य तिलककी जयंती संसद भवनमें मनाई गई, उस समय केवल तीन संसद सदस्य ही उपस्थित थे । स्वातंत्र्य वीर सावरकरने मार्सेलिसमें जहाजसे सागरमें छलांग मारी थी । इस घटनाको १०० वर्ष पूर्ण हो गए हैं; अतएव फ्रांस शासनने उनका स्मारक बनानेका निश्चय किया है । अतः भारत शासनकी ओर अनुमतिकी मांग की; परंतु वह अनुमति अभीतक नहीं दी गई है । शासनकी यह भूमिका राष्ट्रघाती ही है ।’’ इस कार्यक्रममें धाकुशेठ स्मृति मंडलके कार्यकर्ता अधिक संख्यामें उपस्थित थे ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात