पिछले ६० वर्षों में माक्र्स, मुल्ला, मिशनरी एवं मेकॉले इत्यादि ‘४ एम’ ने देश की अत्यधिक हानि कर भारतीयों को मानसिक रूप से गुलाम किया । वर्तमान समय में चलचित्र सृष्टि में भी मुल्ला एम का प्रभाव पडने से गीतों मेें अल्ला, मुल्ला, खुदा ऐसे बहुत से शब्द होते हैं । यदि हमें हिन्दूविरोधी योजनाओं का पराजय करना है, तो प्रत्यक्ष प्रसार एवं कृत्य करने के साथ हमारे अंदर धर्मजागृति उत्पन्न करने हेतु फेसबुक, ट्विटर समान सामाजिक जालस्थलों का भी प्रभावी उपयोग करना चाहिए । ऐसा दिखाई देता है कि आगामी कालावधि में सामाजिक जालस्थलों का माध्यम वर्तमान समय के वृत्त एवं इलेक्ट्रोनिक पत्रकारिता को बहुत पीछे कर देगा । ट्विटर के माध्यम से हम ज्येष्ठ मंत्री तक विषय पहुंचा सकते हैं, जबकि फेसबुक के माध्यम से सर्वसाधारण लोगों तक पहुंचना संभव है । आजकल प्रत्येक के पास दूरभाष तथा इंटरनेट उपलब्ध होने से उसका प्रभावी उपयोग कर हमें सामाजिक जालस्थल के माध्यम से धर्मजागृति करनी चाहिए ।
अधिवेशन देखकर प्रभावित हुए श्री. सुरेश चिपळूणकर ने अपना पेâसबुक खाता एवं ट्विटर से ५ लाख लोगों तक अधिवेशन का विषय पहुंच गया है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं का तेज देखकर प्रभावित हुआ ! – श्री. चिपळूणकर
श्री. चिपळूणकर अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में प्रथम ही सम्मिलित हुए थे । इस अधिवेशन से प्रभावित श्री. चिपळूणकर ने मार्गदर्शन के समारोपन के अवसर पर कहा कि मैं प्रथम ही अधिवेशन में सम्मिलित हुआ । प.पू. डॉ. आठवले की कृपा से मुझे इस अधिवेशन में सम्मिलित होना संभव हुआ । यहांके कार्यकर्ताओं का तेज एवं सात्त्विकता देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ । अन्य कार्यक्रमों में कार्यक्रम का प्रमुख व्यासमंच पर होता है तथा उसे माला इत्यादि देकर उसका सम्मान होता है; परंतु यहां मुझे ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया । यहां अधिवेशन के प्रमुख प.पू. डॉ. आठवले एकांत में साधना कर रहे हैं एवं कार्यकर्ता कार्यक्रम संपन्न कर रहे हैं । सब कुछ निष्काम मार्ग से चल रहा है । मैं प.पू. आठवले एवं भगवान विष्णु को वंदन करता हूं ।