माघ शुक्ल पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११५
धर्महानि रोकने हेतु त्वरित कृत्य करनेवाले पुणेके धर्माभिमानियोंका आदर्श सर्वत्रके हिंदुओंको अपनाना चाहिए !
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पुणे (महाराष्ट्र) – लोग न थूकें, इसलिए वसंत चित्रपटगृहके सोपानके (सीढियोंके) कोनेमें देवताओंके छायाचित्रवाली पटियां लगाई गई थीं । परिसर स्वच्छ रखने हेतु देवताओंकी प्रतिमाका उपयोग करना अनुचित बात है, इसलिए धर्माभिमानी युवकोंने इस बातका विरोध करने हेतु आवाज उठाकर चित्रपटगृहके व्यवस्थापकोंको उन पटियोंको निकालनेके लिए कहा । १७ जनवरीको धर्माभिमानी श्री. संतोष चव्हाण चित्रपटगृहमें गए थे, उस समय उनके ध्यानमें यह बात आई कि सोपानमें (सीढियोंमें) देवताओंकी पटियां लगाई गई हैं ।
तदुपरांत २० जनवरीको चव्हाणके साथ धर्माभिमानियोंने चित्रपटगृह व्यवस्थापकोंसे भेंट कर उनका प्रबोधन करनेका प्रयास किया । किंतु व्यवस्थापकोंने, यह विषय संचालकोंके अधिकारमें आता है, यह बताकर अपना दायित्व अस्वीकार किया ।
तदनंतर हिंदुनिष्ठोंने संचालक अशोक बोरासे भेंट कर इस माध्यमसे होनेवाला देवताओंका अनादर रोकनेके संदर्भमें प्रबोधन किया ।
साथ ही यदि देवताओंकी पटियां न निकाली गई, तो आंदोलन करनेकी चेतावनी भी दी ।
तदुपरांत दूसरे ही दिन संचालकोंने देवताओंकी पटियां निकाल दीं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात