विद्याधिराज सभागृह, फोंडा, गोवा रामनाथी गोवा में चल रहे चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के चतुर्थ दिन के प्रथम सत्र में पनून कश्मीर संगठन के अध्यक्ष श्री अजय च्रोंगू ने कहा कि कश्मीरी हिन्दू जब कश्मीर में निवास हेतु लौटेंगे, तब क्या उन्हें वहां स्वतंत्रता मिलेगी ? जिन धर्मांधों ने हिन्दुआें को भगाया है क्या उन्हें दंड मिलेगा ? इन प्रश्नों के उत्तर भी मिलने चाहिए, तो ही कश्मीरी हिन्दुआें का वहां पुनर्वसन हो सकेगा ! कश्मीर के आतंकवादियों को अब तालिबान और आय.एस.आय.एस.’ का भी सहयोग मिल रहा है । इसलिए वहां की स्थिति पहले से अधिक गंभीर है । कश्मीरी हिन्दुआें के संदर्भ पहले कांग्रेस शासन ने जो नीति क्रियान्वित की थी, वही नीति वर्तमान भाजप-पीडीपी का गठबंधन क्रियान्वित कर रहा है । इसलिए वहां के हिन्दू भाजप की ओर से निराश हो रहे हैं । वहां के हिन्दू ही बडी मात्रा में भाजप की अयोग्य नीतियों का विरोध कर रहे हैं । शासन केवल राजनीतिक स्वरूप में उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहा है । मूल समस्याआें से उन्हें कोई लेना देना नहीं है । इस समय व्यासपीठ पर हिन्दू युवा मंच के श्री. बापनचंद्र देबनाथ, ‘हिंदु एक्जिस्टेन्स’ जालस्थल के संपादक श्री. उपानंद ब्रह्मचारी, हिन्दू मक्कल कत्छी के श्री. अर्जुन संपथ आदि मान्यवर उपस्थित थे ।
श्री. अजय च्रोंगु आगे बोले, ‘‘विश्व में सदैव दूसरे महायुद्ध के पश्चात हुई हत्याआें की सर्वत्र चर्चा होती है । इसके विपरीत गत सहस्र वर्षों से और स्वतंत्रता के पश्चात कश्मीर तथा अन्य स्थानोंपर हिन्दुआें की जो हत्याएं हुई हैं, कहीं भी उनकी चर्चा होते हुए दिखाई नहीं देती । वे हत्याएं ही प्रत्येक चर्चासत्र का सार होना चाहिए । हम जो संघर्ष कर रहे हैं, वह अत्यावश्यक है । कोई भी हिन्दू अधिवेशन, किसी भी कार्यक्रम का सार हिन्दुआें का वंशविच्छेद ही होना चाहिए ।’’