माघ शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, इस विषयमें ईश्वरके चरणोमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
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डोंबिवली-ठाणे(महाराष्ट्र) : यहांके आयरेगांवमें २३ एवं २४ जनवरीको एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके लिए नगरमें अनेक स्थानोंपर बेथेस्डा शैलोम मिनिस्ट्रीजकी ओरसे गॉडसे मिलने सिद्ध हो, करो मुलाकात येशुसे, इस आशयके फ्लेक्स फलक लगाए गए थे । इस माध्यमसे हिंदुओंको लालच देकर धर्मपरिवर्तित किया जा सकता है । इसे रोकनेकी दृष्टिसे यहांके राजा शिवछत्रपति युवा प्रतिष्ठानके श्री. संदीप जाधव, हिंदुनिष्ठ सर्वश्री रोहित विशे एवं अभिजीत भोरद्वारा त्वरित समन्वयक कर अन्य हिंदुनिष्ठोंकी सहायतासे संगठित रूपसे तथा वैधानिक मार्गसे विरोध करते हुए ईसाईयोंका कार्यक्रम विफल किया गया । विशेषकर इस कार्यक्रमको पुलिसकर्मियोंने पूर्व अनुमति नहीं दी थी । एक ओर पुलिसकर्मी हिंदुनिष्ठोंको परिवाद प्रविष्ट करने मना कर रहे थे, जबकि दूसरी ओर ऐन समयपर आयोजक आकर अनुमति मांगते समय पुलिसद्वारा उन्हें अनुमति देनेकी सिद्धता दर्शाई गई । अतः हिंदुनिष्ठोंने कठोर भूमिका अपनानेके कारण सार्वजनिक कार्यक्रम संभव नहीं हुआ । (हिंदु धर्मरक्षाके लिए निश्चित भूमिका अपनानेवाले हिंदुनिष्ठ संगठनोंका अभिनंदन ! ऐसे धर्माभिमानी हिंदु ही हिंदु धर्मकी खरी शक्ति है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. २३ जनवरीको संध्या समय ५ बजे कार्यक्रम आरंभ होनेसे आधा घंटा पूर्व उपर्युक्त हिंदुनिष्ठोंने अन्य हिंदुनिष्ठ संगठनोंकी सहायतासे यहांके रामनगर पुलिस थानेमें जाकर क्या इस कार्यक्रमके लिए पुलिसद्वारा अनुमति है ?, ऐसा पूछनेपर पुलिसने कहा कि अनुमति नहीं दी गई है ।
२. इसपर अल्पावधिमें बजरंग दलके श्री. विद्याधर कुंटे, लष्कर-ए-शिवबाके श्री. नीलेश काले तथा विहिंप आदि संगठनोंके कार्यकर्ता पुलिस थानेमें पहुंचे । उन्होंने बिना अनुमतिके कार्यक्रम करनेवाले ईसाई आयोजकोंके विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट करने कहा; परंतु पुलिसद्वारा अंततक टालमटोल की गई । इस कालावधिमें कुछ हिंदुनिष्ठ कार्यक्रमस्थलपर जा पहुंचे, जिनमें हिंदू जनजागृति समितिके श्री. शंकर डिचोलकर एवं श्रीमती सविता बोरूडे भी सम्मिलित थे ।
३. हिंदुनिष्ठ एवं पुलिसमें संभाषण चालू रहतेमें ही संध्या समय ६.३० बजे ईसाई आयोजक पुलिस थानेमें पहुंचे एवं उन्होंने कार्यक्रमके लिए अनुमति देनेकी विनती की । इसपर पुलिसद्वारा अनुमति देनेकी सिद्धता दर्शाई गई, जिससे हिंदुनिष्ठ और आक्रमक हो गए । इसी समय मनसेकी डोंबिवली नगर महिला दलकी श्रीमती दीपिका पेडणेकरको सूचित करते ही वे त्वरित पुलिस थानेमें पहुंच गइं । श्रीमती पेडणेकरने आक्रमक भूमिका अपनाते हुए पुलिसको इस प्रकरणमें चिंतापूर्वक ध्यान देनेपर विवश किया ।
४. इस अवसरपर हिंदुनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारियोंने कठोर भूमिका अपनाते हुए कहा कि यदि कार्यक्रमको अनुमति देना है, तो हिंदुओंकी कुछ शर्तें स्वीकार करनी पडेगी । यदि ये शर्तें आयोजक स्वीकार करते हैं, तो ही अनुमति दें । इसमें हिंदुनिष्ठोंने ऐसी शर्तें रखी कि कार्यक्रम प्रस्तुत करनेवाले वक्ताओंकी ओरसे हिंदु धर्मकी कोई आलोचना न की जाए, दो धर्मकी तुलना न करे, हिदुओंको किसी भी प्रकारकी लालच दर्शाकर धर्मपरिवर्तन तथा देहमें संचार होने समान कोई प्रकार न करें । इस समय पुलिसद्वारा पास्टर मोजेस कोरना एवं अन्य लोगोंको योग्य सूचनाएं दी गई, जिनका आयोजकोंने स्वीकार किया ।
५. तदुपरांत आयोजकोंने कार्यक्रमस्थलपर जाकर कुछ समयके लिए कार्यक्रम चालू किया; मात्र अल्पावधिमें ही अपरिहार्य कारण बताकर कार्यक्रम बंद कर रहे हैं, ऐसा घोषित करते हुए वे वहांसे निकल गए । तत्पश्चात २३ एवं २४ जनवरीकी रात्रि समीपमें स्थित ज्योतिनगर बस्तीमें जाकर ईसाईयोंने प्रार्थना बतानेके संदर्भमें जानकारी मिली है । इस समय भी हिंदुनिष्ठोंने इसका विरोध करनेवाले हस्तपत्रक बांटकर हिंदुओंका प्रबोधन किया ।
धर्मप्रसारका कार्य करनेमें सनातन संस्था अग्रणी होनेके संदर्भमें मान्यतापत्रक देनेवाले अन्य हिंदुनिष्ठ !
इस अवसरपर स्थानीय रिपार्र्इंके कार्यकर्ता ईसाई आयोजकोंका समर्थन करते हुए कह रहे थे कि वे धर्मप्रसारका अच्छा कार्य कर रहे हैं, तो पश्चात उन्हें विरोध किसलिए करते हो ? ऐसी भूमिका अपनाते हुए वे हिंदुनिष्ठोंको ही विरोध करने लगे । इसपर श्री. देगावकरने स्पष्ट रूपसे उत्तर देते हुए कहा कि यदि वे ईसाई धर्मका अच्छा प्रसार एवं प्रबोधन करते हैं, तो हमारे पास भी सनातन संस्थाद्वारा अच्छा प्रबोधन किया जाता है । उनके प्रबोधनकारियोंको भेजता हूं । उनके कार्यक्रमका भी आयोजन करें ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात