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एक राज्यमें राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके अधिकारियोंद्वारा सनातनके साधककी पूछताछ

आषाढ शु. ४, कलियुग वर्ष ५११४

जिहादी आतंकवादियोंकी नहीं, अपितु राष्ट्र एवं धर्म हेतु कार्य करनेवाले सनातनके साधकोंकी लगातार पूछताछ करनेवाली हिंदुद्वेषी कांग्रेस शासन एवं उनकी आज्ञाकारिणी  कही जानेवाली राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र !

राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके अधिकारियोंने ८ जूनको सुबह ११ बजे भ्रमणभाष कर सनातनके एक साधककी पूछताछ की  । उस समय दोंनोंमें इस प्रकार  संभाषण हुआ ।

अधिकारी : आप कैसे हो ? क्या गोवामें  होनेवाली ‘अखिल भारतीय हिंदु अधिवेशन’की सिद्धतामें व्यस्त हो ? आप गोवामें कब जाएंगे ? अधिवेशनके लिए कौन कौन आनेवाले हैं ? नरेंद्र मोदी, बाळासाहेब ठाकरे आनेवाले हैं न ?

साधक : मैं अधिवेशनके लिए नहीं जाऊंगा । नरेंद्र मोदी अथवा बाळासाहेब ठाकरे आनेवाले नहीं हैं । अधिवेशनके लिए कौन कौन आएंगे, इसकी सूची समाचारपत्रिका ‘सनातन प्रभात’में प्रसारित हुई है ।

अधिकारी : वर्तमानमें इस प्रकारके कार्यक्रमोंकी आवश्यकता है । आपके कार्यक्रम शांति एवं अनुशासनसे होते हैं । अपने राज्यमें ऐसी सभाका आयोजन कब होगा ? सभा कहां होगी ? ( मीठी बातेंकर जानकारी प्राप्त करनेका ही पुलिसका यह प्रयास  है – संकलनकर्ता )

साधक : मुझे पता नहीं । क्या आपके गुप्तचर विभागके पुलिस अधिकारी इस कार्यक्रममें उपस्थित रहेंगे ?

अधिकारी : उपस्थित रहेंगे । इस ओर आओगे तो मुझसे मिलकर जाइए ।

हवालदारद्वारा साधककी की गई पूछताछ

दिनांक ८.६.२०१२ को सांयकालके ६ बजे राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके कार्यालयके एक हवालदारने दूरभाष कर, ‘‘आपके जनपदसे अधिवेशनके लिए कौन कौन जाएंगे ? क्या प्रमोद मुतालिक आएंगे ? अपने यहां यह अधिवेशन कब तथा कहां होगा’’, इस प्रकारके अनेक प्रश्न साधकोंसे पूछे । तदनंतर दिनांक १० से १६ जूनतक प्रतिदिन न्यूनतम एक बार तो हवालदारोंका  दूरभाष साधकोंके पास आता ही था । ( हिंदुद्वेषी कांग्रेसराजनेताओद्वारा नियुक्त  राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र हिंदुत्ववादी संघठन एवं व्यक्तिकी पूछताछ करनेके लिए जो समय व्यतीत कर  रही है, उसमेंसे एक प्रतिशत समय यदि इस तंत्रने जिहादी आतंकवादियोंकी पूछताछ हेतु व्यय किया होता, तो अबतक भारत आतंकवादसे मुक्त  हो गया होता । हिंदुओ, आतंकवादियोंको खुले छोडनेवाले एवं राष्ट्रप्रेमियोंके पीछे लगनेवाले राजनेता देनेवाला जनतंत्र अब नहीं चाहिए,  अपितु पितृशाही देनेवाला हिंदु राष्ट्र ही चाहिए, यह वास्तविकता जानें ! – संकलनकर्ता )

साधको, भ्रष्ट एवं हिंदुद्वेषी कांग्रेस राजनेता सनातनपर प्रतिबंध लगानेके लिए उतावले हो रहे हैं, अतः उनकी पूछताछ करनेकी वारंवारता बढ गई है, यह ध्यानमें रखें !

सनातनके एक साधकका राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके एक अधिकारीके साथ संवाद हुआ । इस संवादद्वारा कांग्रेस राजनेता सनातनपर प्रतिबंध लगाने हेतु उतावले हो रहे हैं, यह स्पष्ट हो रहा है । अंग्रजीमें ‘कुत्तेको पागल कहो एवं उसे मार दो’, ऐसी कहावत है, उसी कहावतका प्रत्यय कांग्रेसवालोंके कृत्यद्वारा हमारे समक्ष आ रहा है, यह संवाद हम पाठकोंके लिए प्रकाशित कर रहे हैं ।

साधक (पुलिस अधिकारीको संबोधित कर) : आप तो कहते हैं कि हमारा कार्य अच्छा है; तो पुनः मिरज आश्रममें पूछताछ क्यों कर रहे हैं ?

अधिकारी : यह पूछताछ सेंट्रल इंटेलिजन्सद्वारा (केंद्रीय अन्वेषण विभाग) नहीं हो रही  है, अपितु ‘एनआइए’द्वारा (राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रद्वारा) की जा रही है । उन्हें महाराष्ट्र शासनकी ओरसे रा.रा. पाटिलके आदेश हैं । महाराष्ट्रमें सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगानेके  प्रयास अत्यधिक गतिसे हो रहे हैं । हम ‘एनआइए’ वालोंमें मुसलमानोंको बंदी बनानेकी क्षमता नहीं हैं; अतः वे आप जैसे हिंदुत्ववादी संगठनोंके पीछे लग रहे हैं । ( राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके कर्मचारीद्वारा तंत्रका वास्तविक रूप सामने आया । क्या ऐसी तंत्र कभी हिंदुओंको न्याय दे सकेगी ? हिंदुओ, कांग्रेसद्वारा हिंदुस्थानको इस्लामिस्तान करनेका आयोजन है,   उनके इस अन्वेषण तंत्रके कार्यद्वारा यही स्पष्ट हो रहा है, यह ध्यानमें रखें ! – संकलनकर्ता )

साधक : क्या महाराष्ट्रके अतिरिक्त अन्य स्थानोंपर भी ऐसा ही हो रहा है ?

अधिकारी : नहीं ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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