ताजमहाल मुमताज की कब्र है, उसे बनाने में २२ वर्ष लगे । बीस सहस्र कर्मचारी लगे, इस प्रकार का झूठा इतिहास फैलाया जा रहा है । इसके विपरीत द्वार तथा अन्य अनेक चिन्हों से यह सिद्ध होता है कि ताजमहल शिव जी का मंदिर था । यहां बंद कर रखे २२ कक्ष यदि खोल दिए जाएं और उनकी कार्बन डेटिंग जांच की जाए, तो इसकी अनेक प्रमाणों से ताजमहल, तेजोमहालय अर्थात शिवमंदिर ही है, यह सिद्ध हो जाएगा । इस संदर्भ में मैंने आगरा के न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है । इसकी प्रथम सुनवाई हो चुकी है । अगली सुनवाई १५ जुलाई को होनेवाली है ।
ताजमहल कब्र नहीं हो सकती; क्योंकि उसके नीचे से नदी बहती है और नदी के ऊपर कोई भी कब्र नहीं होती । ताजमहल में संगीत कक्ष है । इस्लाम को यदि संगीत मान्य नहीं, तो यहां कब्र कैसे होगी ? बुरहानपुर में मुमताज की कब्र है, यह शहाजहां ने भी स्वीकार किया है । यदि वहां कब्र है, तो ताजमहल में क्या है ? इस प्रकार के अनेक सबूत ताजमहल मंदिर है, यह सिद्ध करते हैं । आपके भाग में भी यदि कोई भी मस्जिद अथवा अन्य स्थान पर मंदिर है, यह आपको पता चले, तो आप भी तत्काल इसके संदर्भ में याचिका प्रविष्ट कर सकते हैं ।.