चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में बैंगलुरू के अधिवक्ता संगठक के उपाध्यक्ष अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी. ने कहा, मैं हिन्दुत्व का कार्य करता हूं, इसका मुझे अभिमान है । हिन्दू राष्ट्र निर्माण में अधिवक्ताआें की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहेगी, यह मेरा मत है । कर्नाटक राज्य में बेन्नी हीन नामक ईसाई धर्मप्रचारक को आना था । परंतु, इसके विरुद्ध हमने न्यायालय में याचिका डाली । बेन्नी हीन के आने पर श्रीराम सेना ने भी आंदोलन करने का निश्चय किया था । इन सबका परिणाम यह हुआ कि बेन्नी हीन ने कर्नाटक आने का विचार छोड दिया । इसी प्रकार, ३-४ चलचित्रों में हिन्दू देवता, श्रीकृष्ण का घोर अनादर किया गया था । इसके विरुद्ध भी याचिका डालने से उसे रोकने में सफलता मिली ।
श्री. प्रमोद मुतालिक पर गोवा में प्रवेश पर प्रतिबंध निंदनीय !
इस देश का प्रत्येक नागरिक कहीं भी जा सकता है, यह मौलिक अधिकार संविधान से हमें प्राप्त होने पर भी गोवा शासन ने श्रीराम सेना के श्री. प्रमोद मुतालिक को गोवा आने पर रोक लगा दी, जो निंदनीय है । मुतालिक कोई नक्सलवादी नहीं हैं कि उनके गोवा-प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाए । घरवापसी कार्यक्रम को हमारा समर्थन है और आज इस कार्य की अत्यंत आवश्यकता है ।
`समर्पण और दृढ श्रद्धा के आदर्श अधिवक्ता, अमृतेश एन्.पी. !
अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी. के कहा, मैं केवल प.पू. डॉक्टर जी के आशीर्वाद से खडा हूं । हिन्दू जनजागृति समिति कार्य की जो दिशा देगी, उस दिशा में कार्य करूंगा । काया-वाचा-मनसा मैं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के लिए संपूर्णत: समर्पित हूं ।