चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में अधिवक्ता रवींद्र घोष ने कहा,बांग्लादेश में हिन्दू विदारक अवस्था में जीवन जी रहे हैं । हिन्दुआें की संपत्ति हडपी जा रही है । वर्ष १९७१ में बांग्लादेश में हिन्दुआें की जनसंख्या १५ प्रतिशत थी । वह अब केवल ८ प्रतिशत रह गई है । धर्मपरिवर्तन तथा अन्य देशों में पलायन करने के कारण हिन्दुआें की जनसंख्या न्यून हो गई है । वहां हिन्दू देवताआें की मूर्तियां तोडी जा रही हैं । हिन्दू स्त्रियों पर बलात्कार, शारीरिक अत्याचार हो रहे हैं । हिन्दुआें के मंदिर जलाए जा रहे हैं । हिन्दुआें पर निरंतर अत्याचार हो रहे हैं । इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ में आवाज उठाकर भी हिन्दुआें को न्याय नहीं मिला है । बांग्लादेशी हिन्दुआें की रक्षा के लिए अन्यत्र के हिन्दुआें को आगे आना चाहिए, अन्यथा बांग्लादेश के हिन्दुआें का वंशविच्छेद हो जाएगा ।