प्रथम सत्र : चतुर्थ हिन्दू अधिवेशन का शुभारंभ तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना
मान्यवरोंके विचार
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प्रमोद मुतालिक की गोवा राज्य में प्रवेशबन्दी संचारस्वतंत्रता पर आघात – पू. डॉ. चारूदत्त पिंगळे
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एस.एस.आर.एफ.द्वारा विदेशों में अध्यात्मशास्त्र का प्रभावी प्रसार : पू. सिरियाक वाले
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सनातन को कोटि कोटि देवताआें के आशीर्वाद है ! – प.पू. श्रीकृष्ण कर्वेगुरुजी
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चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन की सफलता हेतु प.पू. पांडे महाराज द्वारा की गई प्रार्थना !
द्वितीय सत्र : तृतीय अधिवेशन में निश्चित समान सूत्री कार्यक्रम के अनुभव
मान्यवरोंके विचार
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धर्मबंधुओं को आपत्कालीन सहायता करना धर्मकर्तव्य ही है ! – डॉ. उपेंद्र डहाके, भाजपा
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संगठित रूप से आपत्कालीन सहायता उपक्रम चलाने का महत्त्व एवं उसकी दिशा !
तृतीय सत्र : हिन्दू संगठनोंके पिछले वर्ष के कार्य का ब्यौरा
मान्यवरोंके विचार