Menu Close

अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ की निर्मिति गांधीजी के मार्ग से नहीं, अपितु, छत्रपति शिवाजी महाराज के मार्ग से ही होगी ! – टी. राजा सिंह

टी. राजा सिंह, विधायक, तेलंगाना

विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी – नरेंद्र मोदी जिस पक्ष के प्रधानमंत्री हूं, मैं उस पक्ष का विधायक है ! विधायक होने पर भी समर्थन देने के स्थान पर मेरी आवाज दबाने का प्रयत्न किया जाता है । मुझे सत्ता का लोभ नहीं है, केवल धर्मरक्षा की भावना है । भाग्यनगर मेें लाखों रामभक्तों की उपस्थिति में श्रीरामनवमी की शोभायात्रा निकाली जाती है । वहां के हिन्दू जागृत होने लगे हैं । हमें निर्भय होकर धर्मकार्य करना चाहिए । भय समाप्त होने पर सफलता ही है । संपूर्ण गोहत्याबंदी लागू होने हेतु, साधुसंतों का अपमान रोकने हेतु एवं अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु हमें देशव्यापी आंदोलन खडा करना चाहिए । अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना गांधीजी के मार्ग से होना असंभव है । इसलिए प्रत्येक हिन्दू ने छत्रपति शिवाजी महाराज समान आदर्श सामने रखना चाहिए, ऐसा क्षात्रतेजवर्धक प्रतिपादन तेलंगाना के गोशामहल चुनावक्षेत्र के विधायक एवं श्रीराम युवा सेना के अध्यक्ष श्री. टी. राजा सिंह ने किया । ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के छठें दिन के उद्बोधन सत्र में वे बोल रहे थे ।

विधायक टी. राजा सिंह के अन्य क्षात्रतेजवर्धक वक्तव्य…

१. मुझे सत्ता का लोभ नहीं है । ‘मेरे जीवन का बलिदान धर्मरक्षा हेतु होना चाहिए,’ मेरी ऐसी तीव्र भावना है ।

२. हिन्दुओं ने बडे विश्‍वास के साथ भाजपा को सत्ता सौंपी है । अब केवल एक ही लक्ष्य है, संपूर्ण गोहत्याबंदी कानून, राममंदिर का निर्माण एवं अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना ! इसलिए सभी हिन्दुओं को संगठित होना चाहिए । ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए अनेक राज्यों मेें आवाज उठाई जानी चाहिए ।

३. एक गोमाता की रक्षा करके तो देखें, आप को बहुत समाधान मिलेगा एवं आप का नसीब बदलेगा ।

४. संगठन में शक्ति है, इसलिए हम हिन्दुत्वरक्षा का कार्य कर सकते हैं ।

५. यद्यपि देश में हिन्दुओं का राज्य आया है, परंतु दुर्भाग्य यह है कि अब भी संतों पर अत्याचार हो रहे हैं । हिन्दुत्वनिष्ठों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है । हिन्दुओं के संगठित न होने से ही यह हो रहा है ।

६.साध्वी प्रज्ञासिंह को भी उन पर किए गए असीम अत्याचारों के कारण वैद्यकीय उपचार करना पड रहे हैं । वे साक्षात दुर्गामाता का अवतार हैं । उनके स्थान पर यदि अन्य कोई रहता, तो अत्याचार से निराश हो जाता था । भीषण जांच का सामना करते हुए भी आखिरी सांस तक धर्मकार्य करने का निश्चय उन्होंने बोल कर दिखाया है । साध्वी प्रज्ञासिंह को मुक्त करने हेतु एवं उन पर होनेवाले अत्याचार रोकने हेतु हिन्दुओं को संगठित रूप से आंदोलन एवं प्रयत्न करना आवश्यक है ।

७. भाग्यनगर मेें एम.आई.एम.का राज है एवं वहा हिन्दुओं का दमन किया जाता है । वहां पर ४ वर्ष पूर्व हिन्दुत्व की एक छोटी सी चिनगारी जलाई गई । अब इस चिनगारी की ज्वाला बन गई है । वहां मुसलमानों के ७ विधायक एवं १ सांसद होते हुए भी वे हिन्दुत्व की आवाज को नहीं दबा सकते एवं भाग्यनगर में गोहत्या करने का साहस नहीं करते । भाग्यनगर मेें एकपक्षीय कार्य करने की शक्ति हिन्दू धर्म के ३३ करोड देवी-देवताओं के आशीर्वाद से प्राप्त हो रही है । वे ही मेरी सुरक्षा करते हैं ।

८. प्रत्येक युवक को छत्रपति शिवाजी महाराज का स्वरूप दिया जाना चाहिए । प्रत्येक युवक के मन में यदि धर्मभावना जागृत की गई, तो ‘हिन्दू राष्ट्र’ का संकल्प पूरा होगा ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *