माघ शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११५
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नई दिल्ली : आम आदमी पार्टीने भाजपा पर दिल्ली सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पर जमकर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि गत सात दिसंबर को कस्तूरबा नगर से आप विधायक मदनलाल को मोदी के एक करीबी ने आइएसडी नंबर से फोन कर ऑफर दिया कि अगर वे पार्टी के नौ विधायक तोड़ लें तो एक नया दल बनाकर उन्हें मुख्यमंत्री और उनके साथियों को कैबिनेट मंत्री व अन्य पद दे सकते हैं। इसमें भाजपा उनकी पूरी मदद करेगी। उन्हें यह सब करने के लिए २० करोड़ भी दिए जाएंगे। उस व्यक्ति ने विधायक को अरुण जेटली से मुलाकात कराने की भी पेशकश की। हालांकि इस संबंध में संजय सिंह और मदनलाल कोई सुबूत नहीं पेश कर पाए।
सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में संजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने मदनलाल के अतिरिक्त कुछ अन्य विधायकों से भी संपर्क कर उन्हें पद और पैसे देने की पेशकश की है। जिस दिन से सरकार बनी है, तब से उसे बदनाम करने और गिराने की कोशिश जारी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. हर्षवर्धन भी इसमें शामिल हैं। आप भाजपा व कांग्रेस दोनों की हकीकत जनता को बताने के लिए मंगलवार से पोल-खोल अभियान चलाएगी। इस दौरान विधायक मदनलाल ने बताया कि 'दो दिन पहले फिर मेरे पास एक फोन आया, जिसमें कहा गया कि क्या मैं अब बिकने के लिए तैयार हूं क्योंकि वे लोग अब बागी विधायक विनोद कुमार बिन्नी को मुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर रहे हैं।' वहीं बिजली के मुद्दे पर संजय सिंह ने कहा कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि बिजली कंपनियों का लाइसेंस रद होगा, तो तुरंत मोदी का बयान आ जाता है। इससे स्पष्ट है कि यह सारा खेल अदानी व अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
पोल खुलने से हताश आप : भाजपा
इस बीच भाजपा ने आप के आरोपों का करारा जवाब दिया है। वरिष्ठ नेता डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लोकप्रियता में भारी गिरावट की खीझ का ठीकरा भाजपा केसिर पर फोड़कर संजय सिंह जनता का ध्यान बटाना चाहते हैं। हकीकत यह है कि आप ने जनता का विश्वास खो दिया है। इस पार्टी में सत्ता की भूख इज्नी ज्यादा थी कि जिस कांग्रेस को गाली देकर उसे २८ सीटें मिलीं, उसी के बल पर केजरीवाल मुख्यमंत्री बन बैठे। हर्षवर्धन ने विधायक मदनलाल के पास फोन आने के आरोप को झूठा करार दिया। कहा कि दिल्ली में चुनाव परिणाम आठ दिसंबर २०१३ को घोषित हुए थे और सात दिसंबर को तो मदनलाल विधायक भी नहीं बने थे।
स्त्रोत : दैनिक जागरण