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ड्रग्स रैकेट से हो रही जिहादी आतंकवाद को फंडिंग

माघ शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५


नई दिल्ली – आंतकवादी संगठन अब ड्रग्स रैकेट में शामिल होकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे हैं। हिजबुल मुजाहिदीन और अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स माफिया के इस गठजोड़ का खुलासा कर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के सिपाही समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से दस किलो हेरोइन बरामद की गई। आरोपियों की पहचान खुर्शीद आलम, बी गणेश और एम सेंथिल के रूप में हुई है। पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में बैठा हिजबुल कमांडर फैय्याज सिपाही खुर्शीद के माध्यम से ड्रग्स तस्करी करवा रहा था। इस नेटवर्क के तार कुवैत, पाकिस्तान, श्रीलंका से लेकर जम्मू-कश्मीर व तमिलनाडु तक फैले हैं।

विशेष पुलिस आयुक्त (स्पेशल सेल) एसएन श्रीवास्तव के अनुसार, सीमा पार से जम्मू-कश्मीर के रास्ते दक्षिण भारतीय शहरों में हो रही ड्रग्स तस्करी पर कई महीनों से नजर रखी जा रही थी। पिछले साल नवंबर और दिसंबर में ड्रग्स की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में इसके पीछे कुवैत व पाकिस्तानी लिंक सामने आए थे। बी गणेश और एम सेंथिल तमिलनाडु के निवासी हैं। खुर्शीद जम्मू-कश्मीर से हेरोइन की सप्लाई करने दिल्ली पहुंचा था। तीनों को   १९ जनवरी को पकड़ा गया था।

कुवैत में बैठे अली का नाम जांच में इस रैकेट के सरगना के तौर पर सामने आया है। एबटाबाद शहर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर फैय्याज उर्फ तनवीर उर्फ शमशेर के साथ मिलकर वह ड्रग्स की खेप देश में पहुंचा रहा था। जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल का निवासी फैय्याज  २००६ में सीमा पार चला गया था। वह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अपने लोगों की मदद से हेरोइन की खेप सीमा पार कराता था। राज्य पुलिस की १८ वीं बटालियन में तैनात खुर्शीद आलम पिछले एक साल से फैय्याज के लिए ड्रग्स तस्करी कर रहा था। फैय्याज द्वारा भेजी गई हेरोइन की खेप उसे श्रीनगर में मिल जाती थी, जिसे वह अली के दक्षिण भारतीय संपर्को को सप्लाई करता था। पूछताछ में खुर्शीद ने बताया कि अब तक वह ८० से  १०० किलोग्राम हेरोइन सप्लाई कर चुका है। बी गणेश और एम सेंथिल ने तमिलनाडु में गोपी नामक एक व्यक्ति को अली का मैनेजर बताया है। समुद्र मार्ग के जरिये ड्रग्स की खेप को श्रीलंका, म्यांमार, थाइलैंड और चीन पहुंचाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

स्त्रोत : जागरण

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