माघ शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५
कहते हे, ‘हिंदु राष्ट्र’ के विषयमें बोलना लोहेसे टक्कर लेना है
हिंदुओंको धमकी देनेवालो, यह ध्यानमें लें कि लोहेको कैसे पिघालना है, यह छत्रपति शिवाजी महाराजने हिंदुओंको सिखाया है एवं उनके कार्यके समान ही हिंदू हिंदवी राज्यकी (हिंदू राष्ट्रकी) स्थापना करेंगे !
संभाजीनगर – संभाजीनगरमें २ फरवरीको हिंदू जनजागृति समितिद्वारा हिंदू धर्मजागृति सभा संपन्न हुई । इस सभामें लगाए गए होर्डींगके छायाचित्रके साथ 'औरंगाबाद टाईम्स ' उर्दू दैनिकमें सभाके विरुद्ध विपर्यस्त समाचार प्रकाशित किया गया है, जिसमें ‘हिंदु राष्ट्र’ संकल्पनाके विषयमें आपत्ति उठाई गई है तथा हिंदुओंको चेतावनी दी गई है कि यदि ‘हिंदु राष्ट्र’ की स्थापना हुई, तो यहां रहनेवालो, ‘हिंदु राष्ट्र’की बात करना लोहेसे टक्कर लेना है । (क्या हिंदुओंके दैनिकसे भावना भडकानेवाला लेखन प्रसिद्ध होनेका आरोप लगाकर उसपर प्रतिबंध लगानेका प्रयास करनेवाले कांग्रेसी राजनेताओंको उर्दू दैनिकसे प्रसिद्ध होनेवाला लेखन दिखाई नहीं देता ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
इस समाचारमें कहा गया है कि,
१. इस देशमें हिंदुओंके अतिरिक्त अन्य समाज भी रहता है, जो करोडोंकी संख्यामें है।
२. हिंदू जनजागृति समिति ‘हिंदु राष्ट्र’की मांग कर रही है तथा इसके लिए ही हिंदु धर्मजागृति सभा आयोजित की जाएगी । यह शांति एवं समाजके लिए संकट है । (धर्मांधोंका नाटकी सर्वधर्मसमभाव ! ओवैसीने हिंदुओंकी हत्या करनेकी बात की, धर्मांधोंने कश्मीरके १ लाख हिंदुओंका वंशविच्छेद किया एवं कर रहे हैं, धर्मांधोंद्वारा प्रतिदिन लाखो गायोंकी हत्या की जा रही है, लाखों मंदिर तोडे गए हैं । ऐसी किसी भी घटनाके समय धर्मांधोंको ना सर्वधर्मसमभावका स्मरण हुआ, ना तो भारतके बहुसंख्यक हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंका सम्मान करनेकी होशियारी सूझी । क्या अब हिंदू जनजागृति समितिद्वारा ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु हिंदु धर्मजागृति सभा आयोजित करनेपर धर्मांधोंकी धार्मिक भावना एवं सर्वधर्मसमभाव जागृत हो गया ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस प्रकारसे धर्मांधोंमें हिंदू जनजागृति समितिके विषयमें भ्रांतियां उत्पन्न कर उनकी भावनाओंको भडकानेका प्रयास किया गया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात