धर्मसंस्थापना के समय आसुरी शक्तियों की प्रबलता होती है । प्राचीन काल में ऋषीमुनियों के यज्ञकार्य में राक्षस विघ्न उत्पन्न करते थे । राम, कृष्ण आदि अवतारों को भी उनके अवतारकाल में आरोपों का सामना करना पडा था । प्राचीन युगों के समान ही अभी भी संतों पर निराधार आरोप लगाकर उन्हें कारागृह में भेजा जा रहा है । पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू को झूठे आरोपों के कारण कारागृह में जाना पडा है । उन्होंने वर्ष २००४ मे ही कहा था कि भविष्य में असामाजिक तत्व षड्यंत्र रचकर संतोंपर आरोप लगाएंगे । प्रत्यक्ष में भी आगे जाकर पूज्य आसारामजी बापू को झूठे आरोप में कारागृह में जाना पडा । संतों को प्रताडित करने का परिणाम राज्यकर्ताआें को भोगना पडा । जिस स्थानपर संतों को प्रताडित किया गया, उस स्थान के राज्यकर्ताआें को सत्ताच्युत होना पडा । देहली में भी भाजप सत्ता प्राप्त नहीं कर सका । हिन्दू संस्कृति की रक्षा का स्वप्न देखकर हिन्दुआें ने भाजप को सत्ता सौंपी थी; परंतु अपेक्षाएं पूर्ण होती हुई नहीं दिख रही हैं । गो, गंगा, गीता के सम्मान के लिए देशवासियों को व्यापक अभियान प्रारंभ करना चाहिए ।
गौ, गंगा गीता! इन तीनों का सम्मान हमारा राष्ट्रीय धर्म है!