हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य निवृत्त न्यायाधीश सुधाकर चपळगावकर बोले, भारत पर जब मुघलो तथा अंग्रेजों का राज्य था, तब उनके राज्य में धर्मनिरपेक्षता जैसा कुछ नहीं था । स्वतंत्रता के पश्चात राज्यकर्ताआें ने हमपर धर्मनिरपेक्षता थोपी है । श्रीरामनवमी की शोभायात्रा के समय शासन कानून और सुव्यवस्था के नामपर हिन्दुआें के उत्सवों पर प्रतिबंध लगाता है ।
श्रीरामनवमी के अवसर पर शोभायात्रा निकालने में अनंत बाधाएं उत्पन्न करता है । प्रत्यक्ष में हिन्दुआें के त्योहार, उत्सव निर्भय वातावरण में कैसे संपन्न हों, यह देखने का दायित्व शासन का है एवं कानून एवं सुव्यवस्था बनाए रखने का दायित्व पुलिस का है । यदि यह दायित्व पुलिसवाले झटक रहे हों, तो वे वेतन किस बात का लेते हैं ?
क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए, इस संदर्भ में धर्म मार्गदर्शन करता है । धर्म हमें स्थिर बनाता है । उन्होंने आवाहन किया कि हिन्दुत्व के विषय में अनावश्यक सूत्र उपस्थित करनेवालों का करारा प्रतिवाद करें ।