विद्याधिराज सभागृह – ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु चलाए जानेवाले उपक्रमों के संदर्भ मेेंं गुटचर्चा आयोजित की गई । इस गुटचर्चा में उपस्थित धर्माभिमानियों ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने की तडप से उत्स्फूर्त रूप से भाग लिया । धर्माभिमानियों ने स्वयंप्रेरित होकर आपत्कालीन सहायता, राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन, प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन, ‘हिन्दू वार्ता’ समाचारप्रणाल का प्रसार-प्रचार, धर्मशिक्षा फलकों की प्रदर्शनी, धर्मशिक्षा वर्ग इत्यादि उपक्रमों का दायित्व लिया । अधिवेशन में सभी धर्माभिमानियों ने उत्स्फूर्त रूप से ‘हिन्दू वार्ता’ समाचारप्रणाल का प्रसार-प्रचार करने की सिद्धता दिखाई तथा इसके लिए अनेक लोगोंने प्रतिदिन समाचार भेजने का दायित्व लिया ।
उत्तर भारत के आग्रा एवं गाजियाबाद तथा राजस्थान के झुंझुनू एवं जोधपुर में नियमित रूप से राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन एवं ६ स्थानों पर प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन आयोजित करने का निश्चय किया गया ।
धर्माभिमानियों ने पूर्व भारत के ओडिशा, असम एवं बंगाल राज्यों में ११ स्थानों पर राष्ट्रीय हिन्दूू आंदोलन तथा ६ स्थानों पर प्रांतीय हिन्दू अधिवेशनों का आयोजन करने का निर्णय लिया, जिन में केवल असम में प्रथम ही ५ आंदोलन आयोजित किए जाएंगे ।
मध्यभारत के मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ एवं गुजराथ राज्यों मेें राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन आयोजित करने के साथ ही केवल मध्यप्रदेश में इस वर्र्ष २० स्थान पर हिन्दू धर्मजागृति सभा आयोजित करने का निश्चय किया गया । मासिक सनातन प्रभात के वर्गणीदार बनाने का निश्चय किया गया ।
पूर्व दक्षिण भारत के आंध्रप्रदेश, तेलंगाना एवं तमिलनाडू राज्यों में धर्माभिमानियों ने धर्मकार्य के लिए अच्छा प्रतिसाद दिया । संतश्री आसारामजी बापू के अनुयायी श्री. दीपक ने ‘हिन्दू वार्ता’ के लिए तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश राज्यों के समाचार भेजने हेतु दायित्व लिया । स्वामी जीवनदास महाराज ने अपने आश्रम में धर्मशिक्षा फलक लगाने का निर्णय लिया ।
पश्चिम भारत के गोवा महाराष्ट्र एवं गोवा राज्यों से आपत्कालीन सेवा के लिए ३६२ कार्यकर्ता सिद्ध हैं । इसी के साथ आपत्ति के समय ५ सहस्र निवासी तंबू दिए जाएंगे । २६ नए स्थान पर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन आयोजित करने का निश्चय किया गया ।